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    1 अक्टूबर को चक्का जाम, प्रधानमंत्री से मिलेंगे पंप संचालक

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    Updated: Thu, 17 Sep 2015 12:59 AM (IST)

    रांची : पेट्रोल-डीजल पर फिक्स वैट लागू करने की राज्य सरकार की पहल से बुधवार को शहर का माहौल गर्म रहा ...और पढ़ें

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    रांची : पेट्रोल-डीजल पर फिक्स वैट लागू करने की राज्य सरकार की पहल से बुधवार को शहर का माहौल गर्म रहा। आम आदमी से लेकर विभिन्न संगठनों ने राज्य सरकार के फैसले का विरोध किया। झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने राज्य के सभी पेट्रोल पंपों को स्थार्यी तौर से बंद करने की बात कही तो झारखंड ट्रक एसोसिएशन ने विरोध में 1 अक्टूबर को चक्का जाम का एलान किया। वहीं, फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने भी राज्य सरकार के इस फैसले को गलत बताया।

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    प्रधानमंत्री से मिलेंगे पेट्रोलपंप संचालक

    झारखंड पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ने कहा है कि वे इस मामले को लेकर जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। राज्य सरकार के इस फैसले से आम लोगों के साथ पेट्रोल पंप संचालकों पर पड़ने वाले असर के बारे में बताया जाएगा। झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि डीजल पर सेस लगाने के कारण पहले से ही प्रदेश के पेट्रोल पंपों का सेल्स फीगर गिरा हुआ है। ऊपर से पेट्रोल-डीजल को फिक्सड वैट के दायरे में ला दिया गया है। साथ में 22 प्रतिशत वैट का फंडा लागू है। ऐसे में कुछ महीनों में पूरे प्रदेश के पेट्रोल पंप बंदी की कगार पर पहुंच जाएंगे। हड़ताल पर तो हमें जाने की जरूरत ही नहीं है। सचिव शरद दुदानी ने कहा कि राज्य सरकार का रेवेन्यू कम होने का कारण डीजल पेट्रोल की कीमतों का कम होना नहीं है, बल्कि सेल्स फीगर का डाउन होना है। अधिकतर ट्रक अब डीजल पड़ोसी राज्यों में भराते हैं। कीमतें बढ़ने से तो और असर पडे़गा। मौके पर राजहंस मिश्रा, मासूम परवेज, राकेश कुमार सहित सभी जिलों के प्रतिनिधि शामिल थे।

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    1 अक्टूबर को चक्का जाम

    झारखंड ट्रक ओनर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए 1 अक्टूबर को पूरे राज्य में चक्का जाम का फैसला लिया है। इसके विरोध में प्रदर्शन की शुरुआत 18 सितंबर से ही होगी। उस दिन राज्य सरकार का पुतला दहन होगा। 30 सितंबर को पूरे राज्य में मशाल जुलूस निकाला जाएगा। 1 अक्टूबर को ट्रकों का चक्का जाम रहेगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष उदय शंकर ओझा ने कहा कि झारखंड सरकार का यह फैसला गलत है। एक ओर तेल की कीमतें लगातार कम हो रही है। दूसरी ओर राज्य सरकार उसे महंगा कर कमाई करने में जुट गई है। इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे। उसमें ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के अलावा गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, झारखंड बालू ट्रक ओनर्स एसोसिएशन, झारखंड बस ओनर्स एसोसिएशन, मिनी ट्रक ओनर्स एसोसिएशन, सिटी राइड बस ओनर्स एसोसिएशन और जिला मालवाहक टैंपों चालक संघ का भी साथ मिलेगा।

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    बंद हो जाएंगे 80 प्रतिशत पेट्रोल पंप : चेंबर

    फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने कहा है कि राज्य सरकार के फैसले से 80 प्रतिशत पेट्रोल पंप बंद हो जाएंगे। पहले से ही पेट्रोल पंप का सेल्स फीगर गिर गया है। झारखंड सीमा से सटे पेट्रोल पंप तो बंदी के कगार पर हैं। मुख्य तौर से कमाई डीजल से ही होती है। डीजल का सेल पूरे प्रदेश में न के बराबर ही होगा। बेरोजागरी की स्थिति भी होगी। अध्यक्ष रतन मोदी ने कहा, यह भी अजब स्थिति है। प्रदेश सरकार ने यह फैसला राज्य में राजस्व की हो रही कमी को कम करने के लिए लिया है। जबकि इस फैसले से डीजल का सेल राज्य में रहेगा ही नहीं। ऐसे में पेट्रोल पंप तो बंद हो जाएंगे।

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    क्या है नया नियम

    वर्तमान नियम के अनुसार अभी पेट्रोल और डीजल पर 22 प्रतिशत की दर से वैट चुकाना होता है। जिसके तहत पेट्रोल पर 60.27 रुपये की कीमत पर करीब 13.25 रुपये वैट देना पड़ता है। वहीं डीजल की वर्तमान दर 47.41 पर 10.40 रुपये वैट देय था। राज्य सरकार की ओर से पेट्रोल डीजल पर फिक्स वैट के नियम को लागू करने के बाद पेट्रोल डीजल की कीमत कितनी भी घट जाए, आपको कम से कम पेट्रोल पर 15 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 12.50 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। वहीं, अगर पेट्रोल-डीजल की कीमतें भविष्य में बढ़ती हैं और वैट की दर 22 प्रतिशत के हिसाब से 15 रुपये या फिर 12.50 रुपये से अधिक होती है तो पेट्रोल-डीजल पर 22 प्रतिशत के हिसाब से वैट लगेंगे। पहले तेल कंपनिया पेट्रोल और डीजल की दर घटाती थीं तो उसी अनुपात में वैट की दरें भी घट जाती थीं। इससे ग्राहकों को भी लाभ होता था, पर अब ऐसा नहीं होगा।