प्रदेश में तेली जाति को अब 8 फीसद आरक्षण
रांची : झारखंड सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में पिछड़ा वर्ग की अनुसूची दो से तीन जातियों तेली, कुल्ल
रांची : झारखंड सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में पिछड़ा वर्ग की अनुसूची दो से तीन जातियों तेली, कुल्लू और गोराई को अलग कर दिया है। अब इन जातिं के लोगों को पिछड़ा वर्ग की अनुसूची एक के तहत मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिलेगा। राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इसपर सहमति बनी। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने इससे संबंधित अनुशंसा राज्य सरकार को भेजी थी। अब तेली, कुल्लू और गोराई को छह प्रतिशत के बजाय आठ प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा। यह आरक्षण सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में प्रभावी है। इसके अलावा विभिन्न स्तरों पर होने वाली प्रोन्नति में भी इन जातियों के लोग लाभान्वित होंगे।
लगभग 37 लाख है आबादी
राज्य की वर्तमान जनसंख्या का 12 प्रतिशत हैं तेली समाज के लोग। आबादी लगभग 37 लाख। रांची लोकसभा क्षेत्र के 42 गांवों में इस जाति का प्रभुत्व है। सिंहभूम को छोड़ पूरे राज्य में है अच्छी आबादी। संताल परगना में भी खासा प्रभाव। उत्तरी छोटानागपुर और पलामू प्रमंडल में भी बहुलता।
क्या होगा फायदा
-पिछड़ा वर्ग की अनुसूची दो में रहने के कारण तेली समेत अन्य दोनों जातियों को शैक्षणिक संस्थानों और नौकरियों में छह प्रतिशत आरक्षण मिलता था।
-अनुसूची एक में आने के बाद मिलेगा आठ प्रतिशत आरक्षण का लाभ।
बढ़ गए झाप्रसे के 232 पद
राज्य सरकार ने झारखंड प्रशासनिक सेवा के पदों की संख्या में बढ़ोतरी की है। पूर्व में इस कोटि से 1285 पद स्वीकृत थे, जिसे बढ़ाकर अब 1517 कर दिया गया है। मूल कोटि में 109 पद बढ़ा दिए गए हैं। पहले इसकी संख्या 735 थी। इसी प्रकार अनुमंडल पदाधिकारियों का 20 पद बढ़ा दिया गया है। अब राज्य में इस कोटि के 292 पद होंगे, जबकि विशेष सचिव के 15, अपर सचिव के 20 और संयुक्त सचिव स्तर के 135 पद होंगे। राज्य गठन के बाद से इसकी मांग की जा रही थी। झासा ने भी कई मौकों पर पदों की संख्या बढ़ाने की मांग को जोरशोर से उठाया था। पदों की संख्या बढ़ने से वैसे अधिकारियों को प्रोन्नति मिलेगी जो अरसे से इसके लाभ से वंचित हैं।
आइआइएम को नगड़ी में जमीन
राज्य सरकार ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) को भवन निर्माण के लिए कांके के चेरी के बजाय नगड़ी में जमीन आवंटित किया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने चेरी की 90 एकड़ जमीन वापस लेते हुए उसे 87 एकड़ जमीन रांची विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए सौंपा है, जबकि नगड़ी में 76 एकड़ 74 डिसमिल जमीन भारतीय प्रबंधन संस्थान के भवन के लिए सौंपी गई है।

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