इमली बना ग्रामीणों के रोजगार का साधन
बुंडू : इमली इन दिनों सैकड़ों घरों के रोजगार का साधन बना हुआ है। क्षेत्र में कल कारखाना नहीं है। रोजगार का एकमात्र साधन यहा खेती है। नहरें भी वैसी नहीं हैं कि धान के बाद गेंहू की खेती लोग कर सकें। ऐसे में इमली फोड़कर उसका बीज अलग कर उससे मिलने वाली मजदूरी से लोग अपना घर चला रहे हैं।
इमली फोड़कर उससे बीज अलग करने की प्रक्रिया को व्यापारिक भाषा में फूल इमली बनाना कहा जाता है। फूल इमली बनाकर बेचना व्यापारियों के लिए एक लाभ का व्यापार है। गोटा इमली का भाव वर्तमान में 1850 रुपये प्रति क्विंटल है और उससे बना फूल इमली 3600 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल बिकता है। 40 किलो इमली में 23-24 किलो फूल इमली बनता है। इमली का बीज अलग से बिकता है। व्यापारियों से इमली लेकर फूल इमली बनाने में लोगों को पाच रुपये प्रति किलो मजदूरी मिलता है। एक व्यक्ति एक दिन में 15-20 किलो फूल इमली बनाता है। इस प्रकार परिवार वालों के साथ मिलकर आदमी घर बैठे 150-200 रुपये का मजदूरी कमाता है। यहा दर्जनों व्यापारी हैं, जिनके यहा सैकड़ों लोग रोजगार पा रहे हैं। यह रोजगार सिर्फ बुंडू में ही नहीं, बल्कि पूरे झारखंड के ग्रामीणों को मिल रहा है। गर्मी के दिनों में यह रोजगार क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत दिया है। दक्षिण भारत में फूल इमली का बड़ी माग है।
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