जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का जन्म व दीक्षा कल्याणक महोत्सव मना
संवाद सहयोगी रामगढ़ श्री दिगम्बर जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का जन्म व दीक्षा कल् ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : श्री दिगम्बर जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का जन्म व दीक्षा कल्याणक महोत्सव गुरुवार को धूमधाम के साथ मनाया गया। सर्वप्रथम श्रीजी का जलाभिषेक एवं शांतिधारा किया गया।
भगवान पारसनाथ को पालना में झूलाया गया। इस दौरान जलाभिषेक अशोक जैन व शांतिधारा अरुणा जैन ने किया। जबकि भगवान पारसनाथ के माता पिता बनने का शौभाग्य राजेंद्र चूड़ीवाल व खुसबू चूड़ीवाल को मिला। इससे पूर्व समाज के लोग शहर का पैदल भ्रमण किए। बाद में जैन मंदिर में पहुंचकर कार्यक्रम आयोजित किया। यहां पर समाज के लोगों को संबोधित करते हुए पुजारी ने बताया कि भगवान पार्श्वनाथ जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर हैं। उनकी मूर्ति के दर्शन मात्र से ही जीवन में शांति का अहसास होता है। पार्श्वनाथ वास्तव में ऐतिहासिक व्यक्ति थे। उनसे पूर्व श्रमण धर्म की धारा को आम जनता में पहचाना नहीं जाता था। पार्श्वनाथ से ही श्रमणों को पहचान मिली। वे श्रमणों के प्रारंभिक आइकॉन बनकर उभरे। पार्श्वनाथ के प्रमुख चिह्न सर्प, चैत्यवृक्ष, धव, यक्ष ,मातंग, यक्षिणी, कुष्माडी आदि है। कार्यक्रम का सफल बनाने में समाज के अध्यक्ष रमेश सेठी, सचिव विनोद जैन, पारसनाथ जिनालय संचालक समिति के अध्यक्ष पदम सेठी, सचिव नीरज सेठी, राजू सेठी आदि ने सहयोग किया। मौके पर मानिक जैन, ललित चूड़ीवाल, विनय जैन, निशांत सेठी, बबलू सेठी, जंबू पाटनी, अशोक सेठी, राजू पाटनी, अशोक चूड़ीवाल, रोहित जैन, महावीर गंगवाल, सुभाष पाटनी, प्रवीण पाटनी, अरिहंत सेठी, नरेंद्र छाबड़ा, अरविद जैन, शांतिलाल जैन, देवेंद्र गंगवाल, संजय जैन सेठी, मीडिया प्रभारी राहुल जैन आदि लोग मौजूद थे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।