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    कोयला के गहरे खदान में मां काली करती हैं श्रमिकों की सुरक्षा,सौ फीट नीचे जाने से पहले देवी का आशीर्वाद लेना जरूरी

    सीसीएल रजरप्पा क्षेत्र के कोयला कामगारों का मां काली पर अटूट आस्था है। उनका ऐसा मानना है कि खदान में मां काली ही उनकी सुरक्षा करती है। यहां के बेस वर्कशॉप में नवनिर्मित काली मंदिर का उद्धाटन हुआ जिसमें सीसीएल के सीएमडी व गिरिडीह सांसद भी शामिल हुए। प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में कामगार और अधिकारी माइंस के अंदर जाते हैं जो अब मां के दर्शन के साथ जाएंगे।

    By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 26 Oct 2023 04:36 PM (IST)
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    काली मां खदान में करती है मजदूरों की सुरक्षा।

    संवाद सूत्र, रजरप्पा (रामगढ़)। सीसीएल रजरप्पा क्षेत्र के कोयला कामगारों का मां काली पर अटूट आस्था है। अब मां काली की अराधना करने के बाद ही सैकड़ों फीट नीचे भूमिगत खदान में कामगार और अधिकारी उतरेंगे। इसके लिए सीसीएल रजरप्पा क्षेत्र के ओपेनकास्ट खदान के बेस वर्कशाप में नवनिर्मित मां काली के दिव्य नूतन मंदिर का विधिवत उद्घाटन किया गया।

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    मां काली करेंगी श्रमिकों की सुरक्षा

    उद्घाटन मुख्य रूप से उपस्थित सीसीएल के सीएमडी बी वी रेड्डी, गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी व तकनीकी निदेशक (योजना व परियोजना) बी साईराम द्वारा विधिवत रूप से किया गया।

    मौके पर सीएमडी ने कहा कि वेस वर्कशॉप में मां काली का भव्य व नूतन मंदिर के बनने से यहां के कामगारों को पूजा-अर्चना करने में सुविधा होगी। साथ ही मां काली का आशीर्वाद लेकर खदान क्षेत्र में कार्य करेंगे ताकि मां काली उनकी रक्षा करे।

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    मौके पर कई गणमान्‍यों ने दर्ज कराई उपस्थिति

    वहीं गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने माता रानी से क्षेत्र वासियों की सुख, समृद्धि और शांति की कामना किये। पूजा-अर्चना के पश्चात नौ कन्याओं का पूजन किया गया।

    उसके बाद सभी लोगों के बीच प्रसाद का भी वितरण किया गया। मजदूरों का मानना है कि मां काली की पूजा करने से उनकी रक्षा होती है। उन्हें यह एहसास होता है कि उनके साथ एक दैवीय शक्ति है।

    दरअसल, सीसीएल रजरप्पा परियोजना के खुली खदान के सेक्शन वन में पूर्व में मां काली का मंदिर स्थापित था, जहां खान मालिक, मजदूर या फिर अधिकारी जो भी खदान पर आते थे, वे पहले मां काली के मंदिर में सिर झुकाते थे। उसके बाद ही खदानों में प्रवेश करते थे।

    लेकिन रजरप्पा प्रोजेक्ट के सेक्शन- वन में खदान से कोयला समाप्ति के बाद यहां से मंदिर को हटाकर बेस वर्कशाप में स्थापित किया गया।

    इससे पूर्व अतिथियों के यहां पहुंचने पर उनका स्वागत जीएम पीएन यादव द्वारा बुके देकर किया गया। मौके पर सीसीएल के तमाम अधिकारी, कर्मचारी, यूनियन प्रतिनिधि मौजूद थे।

    कामगारों का मां काली पर है अटूट आस्था

    प्रतिदिन होगी मां काली की पूजा वेस वर्कशाप के हाजरी बाबू इंचार्ज चितरंजन चौधरी ने कहा कि सीसीएल रजरप्पा के लगभग 589 कामगार व 40 अधिकारियों के सहयोग से नवनिर्मित मां काली के दिव्य नूतन मंदिर का निर्माण किया गया है। प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में कामगार और अधिकारी माइंस के अंदर जाते हैं।

    अब माइंस में प्रवेश करने से पहले कामगार मां काली के सामने शीश झुकाएंगे और उनसे यह कामना करेंगे कि मां मैं आपके भूगर्भ में आपके भरोसे जा रहे है हमारी रक्षा करना, ताकि 8 घंटे का समय भूगर्भ में बिताने के बाद हम अपने घर परिवार के पास जा सके।

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