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    अफसर की शिकायत पर क्लर्क की गिरफ्तारी, थाने में कर्मचारी ने दे दिया ऐसा बयान; जिसको लेकर विभाग में मच गई खलबली

    Updated: Mon, 03 Feb 2025 03:54 PM (IST)

    रामगढ़ ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने कार्यालय में पदस्थापित लेखापाल सह रोकड़पाल मो. सलाहुद्दीन अंसारी के खिलाफ रामगढ़ थाना में मामला दर्ज कराया गया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद लेखापाल ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। पुलिस को दिए बयान में लेखापाल ने बताया कि विकास योजनाओं में 25 से 30 प्रतिशत तक कमीशन वसूला जाता है।

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    अफसर की शिकायत पर क्लर्क को पुलिस ने किया गिरफ्तार। (सांकेतिक फोटो)

    देवांशु शेखर मिश्र, रामगढ़। विशेष प्रमंडल कार्यालय एक बार फिर से चर्चा में है। कार्य शुरू करने से पहले ही आधी से अधिक राशि संवेदक को भुगतान करने का मामला हो या कमीशन को लेकर यह प्रमंडल हमेशा से चर्चा में बना रहता है।

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    इस बार विभाग के प्रभारी कार्यपालक अभियंता राजकुमार भारती ने अपने ही कार्यालय के लेखापाल सह रोकड़पाल मो. सलाउद्दीन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है और पुलिस ने विशेष तत्परता दिखाते हुए 24 घंटे के अंदर शनिवार को आरोपित लेखापाल को जिला समाहरणालय स्थित कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया।

    गिरफ्तारी के दौरान लेखापाल ने पुलिस पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया, उन्होंने कहा कि इसी वजह से उनकी तबीयत बिगड़ गई। इस कारण गिरफ्तारी के बाद भी उसे जेल नहीं भेजा जा सका।

    सदर अस्पताल में चल रहा इलाज

    वर्तमान में लेखापाल पुलिस अभिरक्षा में ही सदर अस्पताल में इलाजरत है। इधर भ्रष्टाचार के आरोप में प्राथमिकी के बाद से विभाग में खलबली मची हुई है और विकास योजनाओं में मची लूट के नए-नए राज सामने आने के दावे किए जा रहे हैं।

    आरोपित लेखापाल ने पुलिस के समक्ष दर्ज कराए बयान में चौंकाने वाले खुलासे किए, जिसे पुलिस ने भी रिकॉर्ड किया है। उसने बयान में बताया कि विकास योजनाओं में 25 से 30 प्रतिशत तक कमीशन वसूला जाता है।

    लेखापाल ने बताया कि सबसे ज्यादा कमीशन जिला खनिज निधि में ही वसूला जा रहा है। जिला से आवंटन मिलते ही सबसे पहले साढ़े पांच प्रतिशत कमीशन देना पड़ता है।

    जिला खनिज निधि की राशि लेने को विभाग आतुर रहते हैं। क्रियान्वित योजनाओं में कार्यपालक अभियंता के नाम पर 12 प्रतिशत कमीशन वसूला जाता है। इसके अलावा सहायक अभियंता के नाम पर चार प्रतिशत तो जेई के नाम पर तीन से चार प्रतिशत कमीशन लिया जाता है।

    कार्यपालक अभियंता द्वारा सहायक अभियंता के नाम पर भी अलग से चार प्रतिशत कमीशन मांगने पर ही विवाद शुरू हुआ है। पुलिस को दिए बयान में लेखापाल सलाउद्दीन ने बताया कि चूंकि प्रभारी कार्यपालक अभियंता मूल रूप से सहायक अभियंता हैं। चूंकि विभाग में सहायक अभियंता नहीं है।

    इसलिए उनका कहना है कि सहायक अभियंता का भी चार प्रतिशत कमीशन उन्हें ही दिया जाए। यानी उन्हें योजनाओं के क्रियान्वयन में कुल 16 प्रतिशत कमीशन चाहिए।

    गिरफ्तारी में पुलिस ने दिखाई हड़बड़ी

    लेखापाल मो. सलाउद्दीन की गिरफ्तारी में रामगढ़ थाना पुलिस ने शनिवार को काफी हड़बड़ी दिखाई। जो पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है। खुद सलाउद्दीन ने भी रामगढ़ थाना परिसर में पत्रकारों से कहा कि बीएनएस के तहत पुलिस ने उन्हें नोटिस तक नहीं दिया।

    लेखापाल ने कहा कि अगर उन्हें नोटिस दिया जाता तो वे खुद ही थाने आकर अपना बयान दर्ज कराते। उन्हें तो ऐसे गिरफ्तार किया गया, जैसे वे कोई बहुत बड़े उग्रवादी या आतंकवादी हैं। जबकि इस मामले में उन्होंने पूर्व में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में वाद भी दायर कराया है।

    कमीशन खोरी लेने देने की बात झूठ है। लेखापाल सलाउद्दीन ड्रामा कर रहा है। कौन कमीशन मांगा है, कब किसने कैसे मांगा कमीशन, उसे प्रमाणित करे। कमीशन मांगने से संबंधित सबूत है तो दें। - राजकुमार भारती, कार्यपालक अभियंता  विशेष प्रमंडल, रामगढ़।

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