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    Jharkhnad के हर कोने में हमारे वीर बलिदानियों की स्मृतियां, मुख्यमंत्री ने कहा- हमारे वीर सपूतों ने आदिवासी-मूलवासी के हक की लड़ाई लड़ी

    By Tarun K Bagi Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Thu, 27 Nov 2025 07:02 PM (IST)

    झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हर कोने में वीर बलिदानियों की स्मृतियाँ हैं। उन्होंने कहा कि इन सपूतों ने आदिवासी और मूल निवासियों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि इन बलिदानियों की यादें हमेशा जीवित रहेंगी और हमें प्रेरित करती रहेंगी।

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    नेमरा लुकैयाटांड़ में बलिदानी सोबरन सोरेन की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन।

    जागरण संवाददाता, बरलंगा (रामगढ़ )। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को बलिदानी सोबरन सोरेन के 68 वें बलिदान दिवस पर अपने पैतृक गांव गोला प्रखंड के नेमरा लुकैयाटांड़ पहुंचे। यहां उन्होंने बलिदान स्थल स्थित बलिदानी सोबरन सोरेन की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।

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    मौके पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दिन प्रत्येक वर्ष हम सभी लोग यहां एकत्रित होकर सोबरन सोरेन के बलिदान दिवस पर उन्हें याद कर नमन करते हैं।

    झारखंड के अलग-अलग जगहों पर हमारे कई वीर सपूतों ने जन्म लिया, जिन्होंने यहां के आदिवासी-मूलवासी सहित सभी वर्ग-समुदाय के लोगों के हक-अधिकार की लड़ाई लड़ी। जल, जंगल, जमीन एवं राज्यवासियों की अस्मिता की रक्षा का बीड़ा उठाया।

    हमारे वीर सपूतों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर यहां के आदिवासी एवं मूलवासियों का हक-अधिकार का हनन तथा शोषण करने वालों के विरुद्ध मजबूती से आवाज उठाई। कई वीर सपूतों की सामंती विचारधारा के लोगों द्वारा हत्या कराई गई।

    कई वीर सपूतों को जेल की सलाखों में भेजने का कार्य किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खून से सींचा हुआ प्रदेश है। यहां हर कोने में हमारे वीर बलिदानियों की स्मृतियां, प्रतिमाएं और समाधि स्थल हैं।

    सोबरन सोरेन के बलिदान दिवस पर हुए कार्यक्रम

    इन वीर सपूतों के पुण्यतिथि तथा बलिदान दिवस के मौके पर हम इन्हें याद कर नमन करते हैं। आज बलिदानी सोबरन सोरेन का बलिदान दिवस है। आज हमारे बीच दिशोम गुरु शिबू सोरेन का नहीं होना एक युग का अंत है।

    पूर्वजों के आदर्श पर चलते हुए हमारे वीर सपूतों ने अलग झारखंड राज्य की परिकल्पना को पूरा कर हम सभी को एक ताकत दी। अपने अधिकार को पहचानने की शक्ति दी एवं विधि के अनुरूप अपनी-अपनी जगह पर चले गए।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जिम्मेदारी और बड़ी हो गई है, आगे हम सभी को एकजुट होकर अपने हक-अधिकार की लड़ाई लड़नी है। सभी को एक साथ आगे बढ़ते हुए राज्य के सर्वांगीण विकास में अपना योगदान देना सुनिश्चित करना है। झारखंड 25 वर्ष का युवा राज्य हो चुका है। हमारी सरकार प्रत्येक क्षेत्र में तेज गति से कार्य कर रही है। यहां के नौजवानों के कंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जा रहा है।