कोयला लूट का आधार बना कांटा घर
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रामगढ़, बासल : भुरकुंडा लोकल सेल में ट्रकों में कोयले की लोडिंग तो प्रतिदिन होती है, पर इनका वजन भुरकुंडा लोकल सेल से लगभग छह किलो मीटर दूर लपंगा कांटाघर में होता है। इसी दूरी के बीच ट्रकों में किये गये ओवर लोड कोयले को खुले आम ईट भटठे कोल डिपो के अलावा छोटी-छोटी फैक्ट्रियों तक भी पहुंचाया जाता है। अब नम्बर आता है कांटा घर में कोयला वजन करने का। इस कांटा घर में वर्षो से कोयले का वजन करने वाली पंचिंग मशीन खराब है। सीसीएल के पदाधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि लोकल सेल स्थल से छह किलो मीटर दूरी पर वजन घर का होना व वर्षो से पंचिंग मशीन का खराब होना कोयला लूट को बढ़ावा देना है। बाद में सीसीएल के परियोजना पदाधिकारी लोकल सेल भुरकुंडा में ही कम्यूटराईजड कांटा घर तैयार करवा दिया। पर यह कांटा घर कभी प्रारंभ ही नहीं हुआ। धीरे-धीरे लोहा चोरों की नजर इस काटा घर पर पड़ी। कुछ कीमती सामान चोरी भी हुए । फिर सीसीएल प्रबंधन इसकी मशीन खोलवा कर स्टोर में रखवा दिया। इस कांटा घर को क्यो बंद किया गया किसी को पता नहीं। वर्तमान में फिर एक और नया कांटा घर भुरकुंडा लोकल सेल के अहाते में बना दिया गया है। फिर भी लोड ट्रकों का लपंगा के कांटा घर में ही वजन कराया जाता है।
नाप तौल विभाग की लापरवाही से नही खुल पा रहा है भुरकुंडा कांटा घर : पीओ
बासल संवाददाता: भुरकुंडा के लोकल सेल का काटा घर दूसरी बार बनकर तैयार है। पर यह चालू नहीं हो पाया है। उक्त बातें भुरकुंडा कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी राजेन्द्र सिंह कैंथ ने कही। उन्होंने कहा कि नाप तौल विभाग में स्टंपिंग प्रक्रिया का कार्य जारी है। इसी वजह से भुरकुंडा लोकल सेल में दूसरी बार बना कांटा घर प्रारंभ नही हो पाया है। उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि भुरकुंडा लोकल सेल से काटा घर के दूर होने या काटा घर की पंचिंग मशीन खराब होने से कोयला लूट की संभावना बनी रहती है।
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