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    Ramgarh News: भदानीनगर में ग्लास फैक्ट्री फिर से खुलने की राह पर, हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 03:08 AM (IST)

    रामगढ़ जिले के भदानीनगर में बंद पड़ी ग्लास फैक्ट्री को 2025 तक फिर से शुरू करने की तैयारी है। फैक्ट्री मालिक विजय जोशी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पहले भी कई बार इसे शुरू करने की कोशिश की गई पर सफलता नहीं मिली। फैक्ट्री बंद होने से हजारों कर्मचारी प्रभावित हुए थे। अब फिर से खुलने की उम्मीद से लोगों में उत्साह है।

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    रामगढ़ जिले के भदानीनगर में बंद पड़ी ग्लास फैक्ट्री। (जागरण)

    मनोज कुमार सिंह, लपंगा (रामगढ़)। रामगढ़ जिले के पतरातू प्रखंड अंतर्गत भदानीनगर में पतरातू-रामगढ़ फोरलेन के किनारे स्थित ग्लास फैक्ट्री एक बार फिर खुलने की सुगबुगाहट सें सुर्खियों में है।

    विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक वर्षों से बंद पड़ी ग्लास फैक्ट्री को 2025 के अंत तक दोबारा शुरू करने की तैयारियां चल रही हैं। अंदरखाने की मानें तो भदानीनगर के इंडो असाही ग्लास फैक्ट्री को चालू करने के लिए लगभग तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

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    सूत्रों के अनुसार फैक्ट्री के मालिक विजय जोशी झारखंड सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं और कागजी कार्यवाही को तेजी से पूरा किया जा रहा है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो यह फैक्ट्री एकबार फिर न केवल हजारों लोगों को रोजगार देगी, बल्कि क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि का नया अध्याय भी लिखेगी।

    यह ग्लास फैक्ट्री, जिसे आईएजी ग्लास फैक्ट्री के नाम से जाना जाता है, का इतिहास उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। वर्ष 2008 में छत्तीसगढ़ के उद्योगपति विजय जोशी ने इसे खरीदा था और इसे फिर से शुरू करने की कोशिश की।

    हालांकि, पुरानी तकनीक और बढ़ती उत्पादन लागत के कारण यह फैक्ट्री एक साल बाद ही बंद हो गई। इसके बाद 2011, 2014 और 2015 में भी इसे कई बार शुरू करने की कोशिश की गई, लेकिन हर बार यह कुछ महीनों से ज्यादा नहीं चल सकी।

    आखिरी बार अक्टूबर 2016 में यह फैक्ट्री बंद हुई और तब से यह पूरी तरह ठप पड़ी है। फैक्ट्री के बंद होने का सबसे बड़ा खामियाजा यहां के 2,000 कर्मचारियों को भुगतना पड़ा, जिनमें 1,600 स्थायी और 400 ठेका कर्मचारी शामिल थे। इन कर्मचारियों और उनके परिवारों को आर्थिक तंगी और सामाजिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

    कई कर्मचारी इस उम्मीद में दुनिया से चले गए कि फैक्ट्री फिर से खुलेगी, जबकि उनके आश्रितों को जीवनयापन के लिए भारी संघर्ष करना पड़ा। अब, एक बार फिर इस फैक्ट्री को खोलने की कोशिश हो रही है।

    सूत्रों के अनुसार, विजय जोशी ने फैक्ट्री को बेचने की बजाय इसे फिर से शुरू करने का फैसला किया है। उनके अन्य राज्यों में चल रही फैक्ट्रियों का अनुभव इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

    झारखंड सरकार भी इस पहल में पूरा सहयोग दे रही है। सरकार ने फैक्ट्री को फिर से शुरू करने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है, जिसके तहत कागजी कार्यवाही को तेजी से पूरा किया जा रहा है।

    फैक्ट्री को फिर से शुरू करना आसान नहीं

    हालांकि जानकारों का मानना है कि वर्षों से बंद पड़ी इस फैक्ट्री को फिर से शुरू करना आसान नहीं होगा। पुरानी तकनीक, वित्तीय चुनौतियां और बाजार में प्रतिस्पर्धा जैसे कई मुद्दों से निपटना होगा।

    इसके बावजूद, स्थानीय लोग, कर्मचारी और निजी क्षेत्र के लोग इस दिशा में एकजुट होकर प्रयास कर रहे हैं। फैक्ट्री के पुनरुद्धार से न केवल हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

    स्थानीय निवासियों में इस खबर से उत्साह का माहौल है। एक पूर्व कर्मचारी ने कहा कि हमने सालों तक इस फैक्ट्री के खुलने का इंतजार किया है। यह हमारे लिए सिर्फ एक फैक्ट्री नहीं, बल्कि हमारी जिंदगी और उम्मीदों का आधार है।

    वहीं, विजय जोशी के दृढ़ संकल्प और सरकार के सहयोग से यह उम्मीद और मजबूत हो रही है कि 2025 का अंत भदानीनगर के लिए नया सवेरा लाएगा। इस फैक्ट्री के खुलने से न केवल रामगढ़, बल्कि पूरे झारखंड में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह फैक्ट्री अपने पुराने गौरव को फिर से हासिल कर पाएगी।