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    Ramgarh हाथियों का उत्पात, दरवाजा तोड़ घर में घुसे, महिला को सुढ़ से उठाकर बाहर निकाला, पटक कर चार को मार डाला, सात घंटे सड़क जाम

    By Md Seraj Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Thu, 18 Dec 2025 12:41 AM (IST)

    रामगढ़ के वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र में जंगली हाथियों का उत्पात जारी है, जहाँ उन्होंने कई घरों को क्षतिग्रस्त किया और चार लोगों की जान ले ली। आक्रोशित ...और पढ़ें

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    घटना के विरोध में सड़क पर उतरे ग्रामीण।

    संवाद सूत्र, घाटो(रामगढ़)। मांडू प्रखंड के बेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र में एक माह से जंगली हाथियों का उत्पात जारी है। अब तक सैकड़ों घरों को तोड़ दिया है। किसानों की फसलें रौंदकर तथा घर ध्वस्त कर उनकी हालत दयनीय बना दी है।

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    करीब सात की संख्या में जंगली हाथियों के झुंड ने मंगलवार की रात वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र के आरा चार नंबर के पास स्थित सिरमनाला टोला में देर रात जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान हाथियों ने एक मकान का दरवाजा तोड़ दिया।

    अंदर घुसकर घर में सो रहीं 55 वर्षीया पार्वती देवी पति स्व. महावीर मांझी काे सूढ़ से उठाकर बाहर लाया और उसे पटक-पटक कर मौत के घाट उतार दिया। इस क्रम में पड़ोसी 70 वर्षीया सावित्री देवी पति स्व.लखन करमाली ने अपने घर से भागने का प्रयास किया, लेकिन घर से बाहर निकलते ही हाथियों ने उसे दबोच लिया और उसे भी पटक-पटक कर मार डाला।

    बाइक सहित उठाकर सड़क पर पटक दिया और पैर से कुचलकर मार डाला

    वहीं चार नंबर की ओर से बाइक से सीसीएल की एक आउटसोर्सिंग कंपनी में ड्यूटी जा रहे अमूल महतो को हाथियों के झ़ुंड ने बाइक सहित उठाकर सड़क पर पटक दिया और पैर से कुचलकर उसकी जान ले ली। इसी बीच घर का दरवाजा तोड़कर पप्पू साव का पैर तोड़ दिया।

    उसकी पत्नी को गंभीर रूप से घायल कर दिया, जिसका इलाज रामगढ़ में चल रहा है। इसके बाद हाथियों ने हृदय सेठ, मिथलेश, मो. गुलाम, मोहन मांझी, दाउद अंसारी, गणेश टुडू, नूर मोहम्मद, मो. असगर, मो. जाकिर का घर क्षतिग्रस्त कर दिया।

    सभी हाथी पास के नाले के पास चले गए। देर शाम तक हाथियों का झुंड वहीं पर मौजूद था। इससे पूर्व मंगलवार की शाम को बाइक से ड्यूटी जा रहे सीसीसीएल के सुरक्षा कर्मी अमित रजवार को जंगली हाथियों ने हमला कर पटक पटकर मार डाला था।

    मुआवजा व सुरक्षा की मांग को ले ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

    इधर आठ घंटे के अंदर हाथियों के झुंड द्वारा दो महिला सहित चार को मार डाला। घटना के विरोध में तथा मुआवजा व सुरक्षा की मांग को लेकर ग्रामीणों ने सुबह छह बजे से चार नंबर पथ को जाम कर दिया। इससे सीसीएल सहित अन्य कोलियरियों का कोयला ट्रांसपोर्टिग कार्य ठप था।

    ग्रामीणों ने दो पहिया वाहन को भी जाने नहीं दिया। लगभग एक बजे ग्रामीणों के साथ वन विभाग व पुलिस ने वार्ता हुई। इस वार्ता में रेंजर ने मृतक के स्वजनों को 25 हजार रुपये नगद प्रदान किया।

    शेष राशि प्रत्येक मृतक के आश्रित को 3.75 लाख का भुगतान कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद करने, मकान व फसल की क्षतिपूर्ति राशि देने तथा घायलों का समुचित इलाज सहित अन्य सुविधाओं को जल्द ही देने के आश्वासन के बाद दोपहर करीब एक बजे सड़क पर से जाम हटाया गया। मौके पर वेस्ट बोकारो ओपी प्रभारी दीपक प्रसाद सहित वन विभाग के कई वनकर्मी शामिल थे।

    दहशत में आरा सारूबेड़ा कालोनी की दुकानें बंद रहीं

    क्षेत्र के चार नंबर नाले के पास माैजूद हाथियों के भय से आरा सारूबेड़ा कालोनी की अधिकांश दुकानें दोपहर 12 बजे से बंद हो गईं। सीसीएल कालोनी में भी लोग अपने-अपने घरों में दुबक गए है। डीएवी सहित अन्य स्कूलों से भी लोग अपने बच्चों को निकालकर घर ले गए।

    रातभर वन विभाग व पुलिस वाहन के बजते रहे साइरन

     

     मंगलवार की रात दस बजे से रातभर चार की संख्या में वन विभाग व पुलिस वाहन का साइरन सड़कों पर बजते रहे। आरा चार नंबर फिटर ब्रेकर से लेकर टिस्को साइडिंग तक साइरन बजते रहे। वेस्ट बोकारो ओपी प्रभारी दिपक कुमार भी अपने दल-बल के साथ सड़कों पर दिखलाई दिए। रात्रि आठ बजते ही सड़कों पर सन्नाटा पसर गया।

    दिन में घुसा सिरमनाला टोला में हाथी, मचा हड़कंप

    आरा चार नंबर मोड़ व सिरमनाला के पास उस समय अफरा-तफरी का माहौल हो गया, जब 11 बजे दिन में भी हाथियों का झुंड सिरमनाला टोला में घुस गया। उस समय ग्रामीण के साथ रेंजर क्षतिग्रस्त हुए घर का जांच कर रहे थे। हाथी के घुसते ही जाम हट गया। पूरा टोला खाली हो गया। लोग जान बचाने के लिए सड़क पर दौड़ लगा दिया। मौके पर पहुंचे वन विभाग व पुलिस वाहन के साइरन ने हाथियों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

    सुबह छह बजे से जाम स्थल पर लगभग 10 बजे वन विभाग के रेंजर बटेश्वर पासवान पहुंचे, जहां पर ग्रामीणों से मामले को सुलझाने का प्रयास किया गया। रेंजर ने कहा कि फिलहाल मृतक के स्वजन को 25 हजार रुपये का भुगतान कर दिया जाएगा।

    बाद में कागजी खानापूर्ति होने के बाद मृतक के स्वजन को चार लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावे जल्द ही जिस परिवार का घर क्षतिग्रस्त हुआ है, उसका मुआवजा भी जल्द दिया जाएगा।

    रेंजर ने कहा कि ग्रामीण फिलहाल जंगल की ओर नहीं जाएं। शाम के बाद घरों में रहने का प्रयास करें, हमलोग कोई ठोस उपाय करने का काम करेंगे। वहीं ग्रामीणों ने रेंजर की बात को नहीं माना और सुरक्षा को लेकर आज ही कोई ठोस उपाया, मुआवजा की राशि बढ़ाने व मृतक के स्वजन को एक नौकरी देने की बात कहते हुए जाम हटाने से इन्कार कर दिया।