सरकारी कार्यक्रम में लिया था ‘नशा मुक्त गांव’ का संकल्प, अब सरकार ही खुलवा रही शराब दुकान, विरोध
पलामू के हुसैनाबाद प्रखंड के पथरा गांव में शराब दुकान खोलने का विरोध हो रहा है। महिलाओं ने रैली निकालकर सरकार से दुकान बंद करने की मांग की। उनका कहना है कि इससे समाज पर बुरा असर पड़ेगा खासकर महिलाएं और बच्चे प्रभावित होंगे। ग्रामीणों ने पहले ही शराब मुक्त गांव बनने का संकल्प लिया था पर सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी।

संवाद सूत्र,जपला(पलामू)। हुसैनाबाद प्रखंड के पथरा गांव में सरकारी शराब दुकान खोलने के विरोध ने जोर पकड़ लिया है। गांव की महिलाओं ने रैली निकालकर सरकार से मांग की कि गांव में प्रस्तावित शराब दुकान को तत्काल बंद किया जाए।
रैली के दौरान महिलाओं ने कहा कि गांव में शराब की दुकान खोलने से समाज पर बुरा असर पड़ेगा। इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव महिलाओं, बच्चों और युवाओं पर होगा। नशे की लत से जहां सामाजिक ताना-बाना बिगड़ेगा, वहीं गांव का शांति-सौहार्द और स्वच्छ वातावरण भी प्रभावित होगा।
ग्रामीणों ने कहा कि पथरा गांव ने पहले ही शराब मुक्त गांव बनने का संकल्प लिया था। यह संकल्प खुद सरकार के कार्यक्रम में ग्रामीणों ने लिया था। इसके बावजूद सरकार ने गांव की भावनाओं को अनदेखा कर शराब दुकान खोलने का निर्णय लिया है।
गांव के लोगों ने हाल ही में ग्राम सभा आयोजित कर शराब दुकान नहीं खोलने देने का सर्वसम्मत निर्णय लिया था। यहां तक कि ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शराब दुकान बंद करने की गुहार भी लगाई थी। लेकिन अब तक उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
महिलाओं ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक ओर सरकार नशा मुक्ति अभियान चलाती है, लोगों को नशे के खिलाफ शपथ दिलाती है, वहीं दूसरी ओर गांव में शराब दुकान खुलवा कर स्वच्छ माहौल को गंदा करने की कोशिश की जा रही है।
ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि गांव स्तर पर शराब दुकान खुलने से भारतीय संस्कृति और सामाजिक ताना-बाना पूरी तरह प्रभावित होगा। पुरुषों में शराब की लत बढ़ेगी, जिसका खामियाजा घर की महिलाओं, बच्चों और युवाओं को भुगतना पड़ेगा। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर बुरा असर पड़ेगा और महिलाएं असुरक्षित महसूस करेंगी।
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