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    Indian Railway: एशिया की सबसे लंबी मालगाड़ी, खींचने के लिए लगाए हैं सात इंजन

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 12:44 AM (IST)

    पूर्व मध्य रेल के पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल (डीडीयू मंडल) ने गुरुवार को देश की अब तक की सबसे लंबी मालगाड़ी रूद्रास्त्र को सफलतापूर्वक चलाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह मालगाड़ी 4.5 किलोमीटर लंबी रही जिसे 6 खाली बॉक्सन रेक को जोड़कर तैयार किया गया और इसमें कुल 354 वैगन शामिल थे। इसकी शक्ति के लिए 07 इंजन लगाए गए।

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    भारतीय रेल की सबसे लंबी मालगाड़ी रूद्रास्त्र का सफल संचालन

    केतन-हिमांशु, मेदिनीनगर (पलामू) । गुरुवार की शाम करीब 7.30 बजे एशिया की सबसे लंबी रूद्रास्त मालगाड़ी को सिगसिगी स्टेशन के पास धनबाद रेल मंडल को हैंड ओवर करते ही डेटिकेटेट फ्रेट कारिडाेर पर एक इतिहास रच दिया गया।

    अभी 4.5 किलोमीटर लंबी व सात इंजनों के साथ 354 डिब्बों की इस मालगाड़ी का ट्रायल किया जा रहा है। शीघ्र ही इस रूद्रास्त मालगाड़ी के नियमित परिचालन को हरी झंडी दिखा दी जाएगी।

    बता दें कि डालटनगंज स्टेशन को क्रास करने में इसे 10 मिनट से अधिक समय लगा। पूर समय तक पूरा स्टेशन मानो ठहर गया था। मालूम हो कि इससे पहले देश की सबसे लंबी मालगाडी़ 3.5 किमी लंबी व सुपर वासुकी थी, छह इंजन वाले इस ट्रेन में 295 वैगन व लोकोमोटिव का सहारा लिया जाता है ।

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    इस संबंध में पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर जाेन स्तर से जारी एक प्रेस नोट में दीनदयाल रेलमंडल के डीआरएम उदय सिंह मीणा ने रूद्रास्त मालगाड़ी को एशिया की सबसे लंबी ट्रेन होने की जानकारी दी है।

    बताया गया कि यह भारतीय रेलवे की एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। तीन लांग होल मालगाड़ी को जोड़ कर बनाए गए रूद्रास्त में 354 वैगन, 6 रैक व सात इंजन शामिल है। इससे समय व लागत दोनों में बचत होगी।

    साथ ही लोको कम से कम क्रू सदस्यों का उपयोग किया जा सकेगा। गुरुवार को अपरहान 2.20 बजे इसे डीडीयू रेल मंडल के गंज ख्वाजा स्टेशन से धनबाद रेल मंडल के लिए प्रस्थान किया गया था।

    धनबाद रेलमंडल में प्रवेश करते ही अलर्ट मोड पर थे सभी स्टेशन

     रूद्रास्त मालगाड़ी के धनबाद रेल मंडल में प्रवेश करने से पहले सिगसिगी से बरकाकाना तक सभी स्टेशनों को पूरी तरह अलर्ट मोड पर रखा गया था।

    नियंत्रण कक्ष व वार रूम से एशिया की सबसे बड़ी मालगाड़ी के सफल परीक्षण पर नजर रखी जा रही थी। मार्ग मे पड़ने वाले सभी स्टेशनों को पहले से ही सचेत कर दिया गया था।

    इसके बाद स्टेशन मास्टर, गेटमेन, परिचालन से जुड़े अधिकारी व कर्मी अपने-अपने क्षेत्र में रूद्रास्त मालगाड़ी को सकुशल क्रास कराने के लिए पूरी तरह तैयार थे।

    स्थानीय रेल अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले इस रेलमार्ग पर लांग होल मालगाड़ी का सफल परिचालन का ही अनुभव रहा था। लेकिन रूद्रास्त मालगाड़ी को आल राइट सिग्नल देने का अनुभव एक ऐतिहासिक पल रहा।