हथिनी चोरी मामले में नया मोड़: 27 लाख में बेचा नहीं था, पार्टनरशिप के चलते हुआ पूरा 'खेल'
पलामू जिले से चोरी हुई हथिनी को बिहार के छपरा जिले से बरामद किया गया। पुलिस जांच में पता चला कि यह चोरी नहीं बल्कि पार्टनरशिप विवाद का मामला था। चार साझेदारों ने मिलकर हथिनी खरीदी थी जिसमें से तीन ने मिलकर चौथे को धोखा दिया। हथिनी को पैदल गोपालगंज और फिर ट्रक से छपरा ले जाया गया।

जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। पलामू जिले से कथित रूप से चोरी हुई हथिनी आखिरकार बिहार के छपरा जिले से बरामद कर ली गई है। यह मामला झारखंड पुलिस के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हुआ था, क्योंकि राज्य में पहली बार किसी हथिनी की चोरी की शिकायत पुलिस तक पहुंची थी। 17 दिनों की तकनीकी जांच और मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर हथिनी को पुलिस ने सुरक्षित रिकवर कर लिया।
चोरी नहीं, पार्टनरशिप में धोखा
बरामदगी के बाद जांच में खुलासा हुआ कि हथिनी चोरी नहीं हुई थी, बल्कि यह पार्टनरशिप विवाद का परिणाम था। चार साझेदारों ने मिलकर करीब 40 लाख रुपये में हथिनी खरीदी थी, लेकिन तीन पार्टनरों ने आपस में मिलीभगत कर चौथे को धोखा देते हुए हथिनी को मात्र 27 लाख रुपये में बेच डाला।
पैदल पलामू से गोपालगंज, फिर ट्रक से छपरा
जांच में सामने आया कि हथिनी को पलामू से पैदल बिहार के गोपालगंज तक ले जाया गया। इसके बाद ट्रक में लादकर छपरा जिले के अमनौर लाया गया। यहां हथिनी को अमनौर के पहाड़पुर निवासी गोरख सिंह को बेच दिया गया, जिसके पास पहले से ही दो हाथी मौजूद हैं।
पुलिस-वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई
पलामू पुलिस को जब गोपनीय सूचना मिली कि छपरा में हथिनी की खरीद-फरोख्त हुई है, तो सदर थाना पुलिस ने स्थानीय वन विभाग और थाना पुलिस की मदद से छापेमारी की। सत्यापन के बाद हथिनी को कब्जे में लेकर फिलहाल जिम्मेनामा पर गोरख सिंह के पास ही रखा गया है।
महावत फरार, सभी पक्षों को नोटिस
इस पूरे प्रकरण में जिस महावत पर हथिनी चोरी का आरोप है, वह फरार चल रहा है। पुलिस ने हथिनी से जुड़े सभी पक्षों को नोटिस जारी कर 7 अक्टूबर को पलामू सदर थाने में पेश होने को कहा है।
मिर्जापुर निवासी ने लगाया था चोरी का आरोप
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर निवासी नरेंद्र कुमार शुक्ला ने सदर थाने में आवेदन देकर हथिनी की चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि 11 अगस्त को जोरकट इलाके में उनकी हथिनी मौजूद थी, लेकिन 13 अगस्त को वह गायब हो गई। काफी खोजबीन के बाद जब कोई सुराग नहीं मिला, तो 12 सितंबर को उन्होंने पुलिस में लिखित शिकायत दी।
ऐसा पहली बार हुआ है कि हथिनी चोरी की शिकायत दर्ज हुई। तकनीकी और गोपनीय सूचना के आधार पर हथिनी को बरामद कर लिया गया है। अब तक की जांच में चोरी नहीं बल्कि पार्टनरशिप विवाद का मामला सामने आया है। सभी पक्षों से 7 अक्टूबर को पूछताछ की जाएगी, जिसके बाद और कई खुलासे संभव हैं। -रीष्मा रमेशन, पुलिस अधीक्षक, पलामू
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