Palamu: नौवीं कक्षा के छात्र उमाशंकर ने बनाया मतदान प्रक्रिया को आसान करने का साफ्टवेयर, जानें इसकी खासियत
झारखंड के पलामू में नौवीं कक्षा का छात्र उमाशंकर ने आधार बेस्ड बायोमीट्रिक वोटिंग मशीन की परिकल्पना करते हुए एक साफ्टवेयर तैयार किया है। छात्र का दावा है कि इसका इस्तेमाल कर भारत के किसी कोने से मतदान में भाग लिया जा सकता है।

जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू): चुनाव के समय अपने गांव-शहर से बाहर रहने वाले प्रवासियों की मतदान प्रक्रिया में भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ऐतिहासिक निर्णय लेने वाला है। इसके लिए एम-3 इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का नया संस्करण रिमोट इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन तैयार की गई है। इसका डेमो 16 जनवरी को नई दिल्ली में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सामने दिया जाएगा।
उमाशंकर का दावा- फर्जी वोटिंग की संभावना पूरी तरह से खत्म
दूसरी तरफ झारखंड के पलामू में नौवीं कक्षा का छात्र उमाशंकर ने आधार बेस्ड बायोमीट्रिक वोटिंग मशीन की परिकल्पना करते हुए एक साफ्टवेयर तैयार किया है। छात्र का दावा है कि इसका इस्तेमाल कर भारत के किसी कोने से मतदान में भाग लिया जा सकता है। साथ ही इससे फर्जी वोटिंग की संभावना पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। उमाशंकर पलामू जिले के नक्सल प्रभावित पांकी क्षेत्र के किसान अजीत सिंह का पुत्र है। आधार बेस्ड बायोमीट्रिक वोटिंग मशीन के संबंध में उमाशंकर बताते हैं कि चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप सुनते आए हैं। इसी के बाद उनके मन में चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का आइडिया आया।
इस तरह काम करेगा साफ्टवेयर
उमाशंकर के अनुसार आधार बेस्ड बायोमीट्रिक वोटिंग के लिए फिंगरप्रिंट स्केनर, लैपटाप, इंटरनेट की जरूरत होगी। सबसे पहले पोर्टल को खोलना होगा। उसके बाद संबंधित क्षेत्र के वोटिंग के बारे में जानकारी देनी होगी। मतदाता का नाम और पता एंट्री करनी होगी। प्रोग्राम के माध्यम से आनलाइन वोटिंग के लिए संबंधित पोर्टल को खोलना होगा और फिंगरप्रिंट स्कैनर को लगाना होगा। फिंगरप्रिंट के बाद स्क्रिन पर डिटेल आएगा। इस प्रक्रिया में अप्रूवल का आप्शन आएगा, जहां से वोटिंग की जा सकेगी। यह पूरी प्रक्रिया एक मिनट की होगी।
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