ऑपरेशन के बाद महिला की मौत पर बवाल, प्रशासन ने सील किया निजी क्लीनिक; डॉक्टर फरार
पांकी में एक निजी क्लिनिक में ऑपरेशन के बाद एक महिला मरीज पूनम देवी की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है जिसके बाद ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। अधिकारियों ने क्लिनिक को सील कर दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। विधायक शशिभूषण मेहता ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

संवाद सूत्र, पांकी (पलामू)। पांकी थाना रोड स्थित डॉ. एचएन. झा की निजी क्लीनिक सोमी सेवा सदन में शनिवार की देर शाम ऑपरेशन के बाद महिला मरीज पूनम देवी (पति–जितेंद्र भुइयां) की मौत हो गई। घटना के बाद स्वजनों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया।
स्वजनों का आरोप है कि करीब एक माह पूर्व डॉ. झा ने पूनम देवी का पेट का ऑपरेशन किया था। लेकिन पेट का जख्म ठीक नहीं हुआ और दवा-सुई जारी रही। शनिवार को अचानक तेज दर्द होने पर महिला को दोबारा क्लीनिक में भर्ती कराया गया, जहां पुनः ऑपरेशन की तैयारी चल रही थी। इसी बीच महिला की मौत हो गई।
स्वजनों का आरोप है कि मरीज की मौत के बाद डाक्टर ने इलाज में लापरवाही छिपाने के लिए गाड़ी मंगाई और कहा कि महिला को बाहर ले जाकर इलाज कराएं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इसके बाद डॉक्टर क्लीनिक बंद कर फरार हो गया।
शव रखकर प्रदर्शन, क्लीनिक सील
महिला की मौत से आक्रोशित परिजन और ग्रामीणों ने पांकी - पांकी रोड पर शव को रखकर प्रदर्शन किया। सूचना पर पहुंचे पांकी चिकित्सा पदाधिकारीडॉ. महेंद्र कुमार प्रसाद, बीडीओ सह सीओ ललित प्रसाद सिंह, पुलिस निरीक्षक पूनम टोप्पो और थाना प्रभारी राजेश रंजन ने स्थिति संभाली। अधिकारियों की मौजूदगी में क्लीनिक को सील करा दिया गया।
आरोपी चिकित्सक पर कड़ी कार्रवाई की मांग
सूचना मिलने पर रविवार की सुबह पांकी से भाजपा विधायक डा.शशिभूषण मेहता ने मृतका के परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की और कहा कि आरोपी चिकित्सक पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पांकी और आसपास के क्षेत्रों में झोलाछाप डाक्टर निजी क्लीनिक खोलकर भोले-भाले ग्रामीणों से ठगी कर उनके जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं, जिस पर स्वास्थ्य विभाग को तत्काल रोक लगानी चाहिए।
सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर लापरवाह चिकित्सक पर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि उपायुक्त के निर्देश पर सभी प्रखंड में तीन सदस्यीय समिति बनाई गई हैं, जो झोला छाप डॉक्टरों और सभी निजी क्लीनिकों की सूची बना कर देंगे।
जिसके आधार पर प्रशासन कारवाई करेगा। साथ ही लोगों से अपील की कि निजी क्लीनिक में इलाज कराने से पहले चिकित्सक और संस्था की मान्यता अवश्य जांचें।
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