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    हैदरनगर में बिना लाइसेंस चलाए जा रहे निजी चिकित्सा संस्थानों पर गिरी गाज, दो अस्पताल सील

    By Himanshu Tiwari Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Thu, 09 Oct 2025 05:08 PM (IST)

    पलामू के हैदरनगर में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने बिना लाइसेंस चल रहे निजी अस्पतालों पर छापेमारी की। इस दौरान मां विंध्याचल हॉस्पिटल और आस्था क्लीनिक को सील कर दिया गया क्योंकि वे आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए। खुशबू हॉस्पिटल का संचालक अस्पताल बंद कर फरार हो गया। अधिकारियों ने बताया कि बिना पंजीकरण के अस्पताल चलाना अवैध है और ऐसे संस्थानों पर कार्रवाई जारी रहेगी।

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    हैदरनगर के मां बिंध्यवासिनी समेत दो हॉस्पिटल को प्रसासन ने सील कर दिया है।

    संवाद सूत्र,जागरण हैदरनगर(पलामू)। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने गुरुवार को बिना लाइसेंस और आवश्यक दस्तावेजों के संचालन कर रहे निजी अस्पतालों पर छापेमारी अभियान चलाया।

    स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने की छापेमारी

    पलामू उपायुक्त समीरा एस के निर्देश पर सिविल सर्जन के आदेशानुसार गठित जांच दल में अंचल अधिकारी सह दंडाधिकारी संतोष कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी डा. ज्योतिष कुमार और थाना प्रभारी अफजल अंसारी के साथ पुलिस बल शामिल था।

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    जांच दल ने सबसे पहले हाई स्कूल के समीप स्थित मां विंध्याचल हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। अस्पताल से संबंधित आवश्यक कागजात प्रस्तुत नहीं किए जा सके।

    मौके पर हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के अलारपुर गांव की एक महिला मरीज भर्ती पाई गई, जिसने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। जांच में यह भी सामने आया कि अस्पताल को फर्जी चिकित्सक राजू पासवान संचालित कर रहे थे।

    बिना योग्य चिकित्सक के महिला को किया ऑपरेशन

    अधिकारियों ने चिंता जताई कि बिना योग्य सर्जन के इतना बड़ा आपरेशन कैसे संभव हुआ। जच्चा-बच्चा को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल, मेदिनीनगर रेफर करतके हुए विंध्याचल हॉस्पिटल को सील कर दिया गया।

    इसके बाद दल ने मरघटिया रोड स्थित आस्था क्लीनिक की जांच की। यहां भी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जा सके। फिर इसे भी सील कर दिया गया।

    खुशबू हॉस्पिटल के संचालक अस्पताल बंद कर फरार

    वहीं, खुशबू हॉस्पिटल के संचालक कार्रवाई की भनक लगते ही अस्पताल बंद कर मौके से फरार हो गए। अंचल अधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि बिना पंजीकरण और योग्य चिकित्सक के निजी अस्पतालों का संचालन पूरी तरह अवैध है। ऐसे संस्थानों के विरुद्ध अभियान जारी रहेगा।