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    पलामू में अफीम-पोस्ता की अवैध खेती रोकने के लिए प्रशासन की नई पहल, किसानों को मिलेगा प्रोत्साहन

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 10:44 AM (IST)

    पलामू जिला प्रशासन ने अफीम-पोस्ता की अवैध खेती रोकने के लिए नई पहल की है। जो किसान यह खेती छोड़कर सामान्य खेती अपनाएंगे उन्हें विशेष प्रोत्साहन मिलेगा। कृषि उद्यान और भूमि संरक्षण विभाग की योजनाओं का लाभ उन्हें प्राथमिकता से दिया जाएगा। यह कदम किसानों को वैकल्पिक फसलों की ओर आकर्षित करेगा जिससे उनकी आय बढ़ेगी। प्रशासन का मानना है कि वैध विकल्प से ही इस खेती पर अंकुश लगेगा।

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    अफीम-पोस्ता की खेती छोड़ने वालों को मिलेगा प्रोत्साहन। फोटो जागरण

    सच्चिदानंद, मेदिनीनगर (पलामू)। अवैध अफीम-पोस्ता की खेती पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ने नई पहल शुरू की है। जो किसान इस खेती को छोड़कर सामान्य खेती-किसानी की ओर लौटेंगे, उन्हें विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।

    ऐसे किसानों को कृषि, उद्यान और भूमि संरक्षण विभाग की योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के आधार पर दिया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य किसानों को वैकल्पिक फसलों की ओर आकर्षित करना है, ताकि उनकी आमदनी का बेहतर साधन तैयार हो सके।

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    जिला प्रशासन का मानना है कि खेती-किसानी के लिए वैध और लाभकारी विकल्प उपलब्ध कराना ही अफीम और पोस्ता की अवैध खेती पर पूरी तरह से अंकुश लगाने का प्रभावी उपाय है।

    बताते चलें कि अफीम-पोस्ता की खेती का सीजन अक्टूबर से मार्च तक होता हैं। इस दौरान पलामू जिले के मनातू, पांकी, हुसैनाबाद, छतरपुर, नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र में वन भूमि के साथ रैयती जमीन में भी अफीम-पोस्ता की खेती की जाती है।

    एन-कोर्ड की बैठक में बनी सहमति

    जिला स्तरीय नार्कोटिक्स समन्वय समिति (एन-कोर्ड) की हालिया बैठक में तय किया गया कि अफीम और पोस्ता की खेती छोड़ने वाले किसानों को वैकल्पिक फसलें अपनाने में प्रशासन मदद करेगा।

    प्रशासन का मानना है कि विभागीय योजनाओं से किसान नशे के कारोबार से दूर रहकर अपनी आय बढ़ा सकेंगे। इससे जहां अवैध मादक पदार्थों पर रोक लगेगी, वहीं ग्रामीणों के आत्मनिर्भर बनने का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

    बैठक में मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध बिक्री और नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम पर चर्चा हुई। साथ ही खाद्य पदार्थों में नशीली मिलावट रोकने के लिए औचक छापेमारी करने और डि-एडिक्शन सेंटर को पूरी तरह क्रियाशील रखने के निर्देश भी दिए गए।

    साल 2025 में अफीम-पोस्ता की खेती को लेकर 16 केस दर्ज

    जिले में अफीम-पोस्ता की खेती को रोकने के लिए प्रशासन ने 2025 में बड़ी कार्रवाई की थी। इस दौरान मनातू, पांकी, हुसैनाबाद और छतरपुर थाना क्षेत्र में कुल 16 मामले दर्ज किए गए थे। इन मामलों में 235 नामजद आरोपितों समेत कई अज्ञात लोगों को भी अभियुक्त बनाया गया था।

    कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 47 आरोपितों को गिरफ्तार किया था, जबकि शेष अभियुक्त अब भी फरार बताए जा रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए संबंधित थाना क्षेत्रों की पुलिस लगातार अग्रतर कार्रवाई कर रही है।

    अफीम और पोस्ता की खेती पूरी तरह कानूनन अपराध है। इससे जुड़े किसानों को वैकल्पिक फसलें अपनाने में प्रशासन मदद करेगा। लेकिन जो किसान योजनाओं का लाभ नहीं उठाएंगे और फिर भी इस खेती में लिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ प्रशासन कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगा। - रीष्मा रमेशन, एसपी, पलामू