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    नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय की लापरवाही से मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज के 30 छात्र फेल, अधर में लटका भविष्य

    By SachidanandEdited By: Nishant Bharti
    Updated: Thu, 18 Dec 2025 11:38 AM (IST)

    नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय की लापरवाही के कारण मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज के 30 छात्र फेल हो गए हैं, जिससे उनका भविष्य अधर में लटक गया है। विश्वविद्याल ...और पढ़ें

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    मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज 

    जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस 2022 बैच के 30 छात्र नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय की लापरवाही के कारण फेल हो गए हैं। कॉलेज में 2022 बैच में कुल 100 छात्र नामांकित हैं। 

    फेज-दो की फाइनल परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद छात्रों को तीसरे वर्ष यानी फेज-तीन में प्रवेश मिलना था, लेकिन रिजल्ट में हुई गंभीर चूक से छात्र परेशान हैं। मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित है। 

    बुधवार को फेज-दो का रिजल्ट जारी होते ही छात्रों के फेल होने की खबर सामने आई, जिसके बाद विश्वविद्यालय परिसर में हंगामा मच गया। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की तकनीकी गलती के कारण उनका भविष्य अधर में लटक गया है।

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    क्या है पूरा मामला

    एमबीबीएस 2022 बैच के छात्रों ने फार्माकोलॉजी, पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी विषय की परीक्षा दी थी। एमबीबीएस परीक्षा में थ्योरी पेपर-1, थ्योरी पेपर-2 के साथ प्रैक्टिकल परीक्षा के अंक जोड़े जाते हैं। लेकिन रिजल्ट के फाइनल टेबुलेशन में विश्वविद्यालय स्तर पर बड़ी चूक हो गई। 

    विश्वविद्यालय ने फाइनल प्रैक्टिकल परीक्षा के अंकों की जगह मेडिकल कॉलेज के इंटरनल असेसमेंट के अंक 30 छात्रों की मार्कशीट में जोड़ दिए। इंटरनल असेसमेंट केवल परीक्षा में बैठने की पात्रता के लिए होता है, इसका अंतिम परिणाम से कोई संबंध नहीं होता। लेकिन इसी तकनीकी गलती के कारण छात्रों को फेल घोषित कर दिया गया। 

    मामले के उजागर होने के बाद विवि प्रशासन ने  इसे गंभीरता से लिया है। विवि प्रशासन ने परीक्षा विभाग और मेडिकल कॉलेज प्रशासन को आपसी समन्वय बनाकर त्रुटि दूर करने और जल्द समाधान निकालने का निर्देश दिया है।

    एमबीबीएस 2022 बैच के फेज-दो की फाइनल परीक्षा में 30 छात्रों के इंटरनल परीक्षा के अंक गलती से एक्सटर्नल परीक्षा के अंकों में जोड़ दिए गए हैं। इसी वजह से 30 छात्र फेल घोषित हो गए। इसे ग्रॉस मिस्टेक माना जाएगा। इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन से बात हो चुकी है और जल्द ही मामले का समाधान कर लिया जाएगा।- डॉ. पीएन. महतो, प्राचार्य, मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज, पलामू 

    एमबीबीएस 2022 बैच के फेज-दो की फाइनल परीक्षा की कॉपियां मूल्यांकन के लिए रिम्स भेजी गई थीं। वहां मूल्यांकन के दौरान हुई गड़बड़ी के कारण यह स्थिति बनी है। विश्वविद्यालय प्रशासन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के साथ समन्वय बनाकर इस मामले का शीघ्र निराकरण करेगा।- प्रो. (डॉ.) दिनेश कुमार सिंह, कुलपति, नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय, पलामू