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    Dropout बच्चों के लिए आया नया अपडेट, दोबारा शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बहाल होंगे सेतु गाइड

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 01:53 PM (IST)

    ड्रापआउट बच्चों को जल्द ही विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें उनकी उम्र के अनुसार शिक्षण-प्रशिक्षण देकर स्कूल में अब तक हुई पढ़ाई के बराबर लाया जाएगा। यह प्रशिक्षण 6 महीने तक चलेगा। इसके लिए जल्द ही सेतु गाइड का चयन किया जाएगा। सेतु गाइड को बच्चों की संख्या के अनुरूप प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

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    ड्रापआउट बच्चों को दोबारा शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ेगा 'सेतु' अभियान।

    सच्चिदानंद,मेदिनीनगर (पलामू)। आउट आफ स्कूल और ड्रापआउट बच्चों को जल्द ही विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें उनकी उम्र के अनुसार शिक्षण-प्रशिक्षण देकर स्कूल में अब तक हुई पढ़ाई के बराबर लाया जाएगा। यह प्रशिक्षण 6 महीने तक चलेगा।

    इसके लिए जल्द ही सेतु गाइड का चयन किया जाएगा। सेतु गाइड को बच्चों की संख्या के अनुरूप प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। पलामू जिले के सरकारी प्रारंभिक स्कूलों,हाई स्कूलों व अन्य स्कूलों के कुल 210 बच्चों ने बीच में ही अपनी ही छोड़ दी थी।

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    इनका नामांकन पुनः नजदीकी स्कूल में करा दिया गया है। इनमें से सभी 210 बच्चे विशेष प्रशिक्षण के लिए चिह्नित हुए हैं। इन बच्चों काे विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

    अगस्त के पहले सप्ताह से संचालित होंगे विशेष प्रशिक्षण केंद्र

    झारखंड सरकार द्वारा शुरू किए जा रहे विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत ‘सेतु गाइड केंद्र’ अगस्त के पहले सप्ताह से राज्य भर में संचालन में आ जाएंगे। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि जुलाई माह के अंत तक सेतु गाइडों का चयन हर हाल में कर लिया जाए।

    जिन सरकारी स्कूलों में 5 या अधिक ड्रापआउट बच्चे हैं, वहां ‘सेतु गाइड केंद्र’ खोले जाएंगे। इन केंद्रों में स्थानीय स्वयंसेवकों को सेतु गाइड के रूप में नियुक्त किया जाएगा। ऐसे स्कूल जहां ड्रापआउट बच्चों की संख्या 5 से कम है, वहां स्कूल के शिक्षक ही इन बच्चों को पढ़ाएंगे।

    इसके लिए हर दिन एक शिक्षक की ड्यूटी तय होगी, जिसकी सूचना प्रधानाध्यापक द्वारा प्रतिदिन नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित की जाएगी। पीटी या अंतिम पीरियड में रेमेडियल क्लास लेंगे। यदि किसी शिक्षक की उस दिन नियमित कक्षा नहीं है, तो उसे भी रेमेडियल कक्षा की जिम्मेदारी दी जाएगी।

    जिन स्कूलों में सेतु गाइड नियुक्त होंगे, वहां भी स्कूल के शिक्षक बारी-बारी से कक्षाएं लेकर उनका सहयोग करेंगे। वहीं, जो शिक्षक स्कूल अवधि से पहले इन बच्चों को प्रशिक्षण देंगे, उन्हें भी सेतु गाइड के समान मानदेय मिलेगा।

    सेवानिवृत्त शिक्षक व योग्य युवाओं को मिलेगी प्राथमिकता

    सेतु गाइड का चयन स्कूल के पोषक क्षेत्र से किया जाएगा। यदि उस क्षेत्र में उपयुक्त अभ्यर्थी नहीं मिलता है, तो पंचायत क्षेत्र से चयन किया जा सकेगा। सेवानिवृत्त शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

    यदि सेवानिवृत्त शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, तो इंटरमीडिएट या स्नातक योग्यताधारी युवक-युवतियों को सेतु गाइड बनाया जाएगा। सेतु गाइड को प्रति माह ₹1500 मानदेय मिलेगा।

    इसके साथ ही केंद्र में टीएलएम के लिए 33 रुपये प्रति विद्यार्थी प्रतिमाह खर्च होगा। इसी तरह 20 रुपये प्रति विद्यार्थी बैनर, व्हाइट बोर्ड, मार्कर, कलम, डस्टर आदि पर खर्च होंगे। केंद्र में बच्चों को इंस्ट्रूमेंट बाक्स, न्यूनतम 10 कापी आदि मिलेंगे। इसके लिए प्रतिमाह 50 रुपए खर्च होंगे।

    जानें किस जिले में कितने हैं ड्राप आउट बच्चे

    पूरे झारखंड में 8,594 बच्चे ड्राप आउट हैं। इसमें बोकारो जिले में 72, चतरा जिले में 167, देवघर जिले में 545, दुमका जिले में 366, गढ़वा जिले में 56, गिरिडीह जिले में 504, गोड्डा जिले में 434, गुमला जिले में 582, खूंटी जिले में 48, कोडरमा जिले में 571, लातेहार जिले में 842, लोहरदगा जिले में 408

    पाकुड़ जिले में 432, पलामू जिले में 210, पश्चिमी सिंहभूम जिले में 1240, पूर्वी सिंहभूम जिले में 41, रामगढ़ जिले में 58, रांची जिले में 155, साहिबगंज जिले में 776, सरायकेला जिले में 86 और सिमडेगा जिले में 1001 बच्चे शामिल हैं।

    आउट आफ स्कूल और ड्रापआउट बच्चों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिन स्कूलों में पांच या उससे अधिक बच्चे हैं, वहां सेतु गाइड चयनित किए जाएंगे। जहां पांच से कम बच्चे होंगे, वहां स्कूल के शिक्षक विशेष कक्षा लेंगे।

    - अंबुजा पांडेय, एडीपीओ, झारखंड शिक्षा परियोजना।