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    एजेंसियों की मनमानी से मजदूरों को समय पर नहीं मिल रहा मनरेगा का पैसा, किसान ने कोर्ट में जाने की दी धमकी

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 12:27 PM (IST)

    पलामू के सतबरवा में मनरेगा योजना मजदूरों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। पोलपोल कला पंचायत के राम प्रवेश पाल को कूप निर्माण के बाद भी भुगतान नहीं मिला है। उन्होंने अधिकारियों से गुहार लगाई है। मनरेगा लोकपाल ने जांच में गड़बड़ी पाई है और कार्य एजेंसियों को नोटिस जारी करने की बात कही है।

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    भुगतान में देरी, मजदूर परेशान- पलायन रोकने में मनरेगा योजना विफल।

    संवाद सूत्र, सतबरवा (पलामू)। पलायन रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मनरेगा के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन हकीकत में यह योजना मजदूरों के लिए छलावा साबित हो रही है।

    कार्य एजेंसियों की मनमानी और लापरवाही के कारण न तो मजदूरों को समय पर मजदूरी मिल रही है और न ही सामग्री आपूर्तिकर्ताओं का भुगतान हो पा रहा है।

    ताजा मामला सदर प्रखंड के पोलपोल कला पंचायत का है, जहां लाभुक राम प्रवेश पाल ने अपने निजी आहर (धान का खेत) में कूप निर्माण कराया। आवेदन और जांच प्रक्रिया 10 से 16 दिसंबर 2024 के बीच पूरी हो गई थी। चेक स्लीप भी जारी हुई, जिसमें स्पष्ट लिखा था कि मांगधारी से एनओसी प्राप्त कर कार्यवाही की जा सकती है।

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    बावजूद इसके, 2023-24 में स्वीकृत योजना ब्लॉक स्तर पर कार्य एजेंसी की लापरवाही से ठंडे बस्ते में डाल दी गई। बाद में आनन-फानन में दोबारा चेक स्लीप बनाकर कूप निर्माण तो करा दिया गया, मगर आज तक एक फूटी कौड़ी का भी भुगतान नहीं हुआ।

    छलक उठा लाभुक का दर्द

    लाभुक राम प्रवेश पाल ने बताया कि उन्होंने 20 अगस्त 2025 को मनरेगा लोकपाल व उपायुक्त पलामू और 22 अगस्त को डीडीसी पलामू को आवेदन देकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया है।

    उनका कहना है कि लेबर और सामग्री दोनों का पूरा भुगतान बकाया है। उन्होंने कहा कि अगर भुगतान नहीं करना था तो आखिर कूप मुझसे क्यों बनवाया गया? यदि भुगतान नहीं हुआ तो मैं न्यायालय जाने को बाध्य होऊंगा।

    इस संबंध में बीपीओ अमन कुमार ने बताया कि लाभुक के भाई की ओर से ब्लॉक को आपत्ति पत्र मिला है। फिलहाल लाभुक ने जिला स्तरीय पदाधिकारियों को आवेदन दिया है। जिला से निर्देश मिलते ही भुगतान की कार्रवाई की जाएगी।

    मनरेगा लोकपाल ने भी मानी गड़बड़ी

    मनरेगा लोकपाल शंकर कुमार ने कहा कि दो कूप की जांच की गई। इसमें एक सालो गांव के कृपाल पाल का और दूसरा पोलपोल कला के राम प्रवेश पाल का है। दोनों योजनाओं की कुल लागत 8 लाख 5 हजार 94 रुपये है।

    इनमें कृपाल पाल के कूप पर 32,148 रुपये का भुगतान हो चुका है, लेकिन राम प्रवेश को अब तक भुगतान नहीं मिला है।लोकपाल ने कहा कि कार्य एजेंसियों को नोटिस जारी किया जाएगा। कहा कि अगर आपत्ति थी तो मुखिया ने नोटिस क्यों नहीं जारी की? कार्य एजेंसी पर कार्रवाई होगी।