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    1927 में पलामू आए थे महात्मा गांधी, स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरणा और डालटनगंज में अभिनंदन

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 07:22 AM (IST)

    महात्मा गांधी 1927 में तीन दिनों के लिए पलामू आए थे। इस दौरान वे डालटनगंज में छेदीलाल सर्राफ के बगान में ठहरे। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों का हौसला बढ़ाया। 11 जनवरी 1927 को डालटनगंज म्युनिसिपल बोर्ड ने उन्हें अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया। नागरिक मंच के अध्यक्ष जयवंश सहाय ने भी उन्हें अभिनंदन पत्र प्रदान किया। गांधीजी ने मारवाड़ी पुस्तकालय का अवलोकन किया और रजिस्टर पर भविष्य की कामना की।

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    1927 में पलामू आए थे महात्मा गांधी

    जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर(पलामू)। अपने जीवनकाल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एक बार पलामू जिला आए थे। वह बनारस से जनवरी 1927 में तीन दिनों के लिए पलामू आए थे। इस दाैरान वह पलामू जिला मुख्यालय डालटनगंज में छेदीलाल सर्राफ के बगान में ठहरे थे।

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    उस दौरान उन्होंने देश की आजादी के लड़ाई में भाग ले रहे लोगों का हौसला अफजाई की। पलामू आगमन पर 11 जनवरी 1927 को डालटनगंज म्युनिसिपल बोर्ड की ओर से अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया गया था। जबकि नागरिक मंच की ओर से अध्यक्ष जयवंश सहाय ने उनको अभिनंदन पत्र प्रदान किया था।

    मारवाड़ी पुस्तकालय का अवलोकन

    इसी दिन उन्होंने मारवाड़ी पुस्तकालय का अवलोकन किया था। इस दौरान उन्होंने पुस्तकालय के रजिस्टर पर पुस्तकालय के उज्जवल भविष्य की लिखित रूप में कामना की थी। तत्कालीन नागरिक मंच के स्व. जयवंश सहाय के पौत्र सह स्वतंत्रता सेनानी स्व. नीलकंठ सहाय के पुत्र अमित सहाय बताते हैं कि महात्मा गांधी के पलामू आगमन पर डालटनगंज म्यूनिसिपल बोर्ड ने अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया था।

    इसके साथ ही उनके दादा स्व. जयवंश सहाय के नेतृत्व में नागरिक मंच ने उनका अभिनंदन किया था तथा उनको स्मारपत्र सौंपा था। कहा कि पलामू आगमन दौरे के दौरान महात्मा गांधी छेदीलाल सर्राफ के बगान में ठहरे थे। जहां वह स्वतंत्रता संग्राम के सहयोगियों से मिलकर उनका हौसला अफजाई करते थे।