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Palamu: विश्रामपुर की राजनीति में अब आमने-सामने नहीं दिखेंगे ददई दुबे और रामचंद्र चंद्रवंशी

झारखंड की राजनीति के दो दिग्गज नेता चंद्रशेखर दुबे और रामचंद्र चंद्रवंशी अब विश्रामपुर विधानसभा के चुनावी अखाड़े में अब आमने-सामने नहीं होंगे। दुबे अपने पोते ज्ञानेंद्र दुबे को जबकि चंद्रवंशी अपने बेटे को राजनीति में आगे बढ़ाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Manish NegiPublished: Sun, 04 Dec 2022 10:18 PM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2022 10:18 PM (IST)
Palamu: विश्रामपुर की राजनीति में अब आमने-सामने नहीं दिखेंगे ददई दुबे और रामचंद्र चंद्रवंशी
झारखंड की राजनीति के दो दिग्गज नेता चंद्रशेखर दुबे और रामचंद्र चंद्रवंशी।

पलामू, मृत्युंजय पाठक: झारखंड की राजनीति के दो दिग्गज नेता चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे और रामचंद्र चंद्रवंशी अब विश्रामपुर विधानसभा के चुनावी अखाड़े में आमने-सामने नहीं होंगे। दोनों अब विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। दुबे अपने पोते ज्ञानेंद्र दुबे को राजनीति में आगे बढ़ाएंगे, जबकि चंद्रवंशी अपने बेटे डा. ईश्वर सागर चंद्रवंशी को। इसकी साफ तस्वीर दिखने लगी है। 

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37 सालों से दुबे और चंद्रवंशी के इर्द-गिर्द घूम रही राजनीति

विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति पिछले 37 साल से चंद्रशेखर दुबे और रामचंद्र चंद्रवंशी के इर्द-गिर्द घूम रही है।1985 में कांग्रेस के टिकट पर चंद्रशेखर दुबे पहली बार विधायक बने। इसके बाद 1990, 2000 और 2009 का विधानसभा चुनाव वह जीत चुके हैं। बिहार और झारखंड सरकार में एक-एक दफा मंत्री बनने के साथ ही 2004 में धनबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी चुने जा चुके हैं।

दूसरी तरफ 1995 में दुबे को हराकर रामचंद्र चंद्रवंशी पहली विधायक बने। इसके बाद वे 2004, 2014 और 2019 में विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र से क्रमश: राजद और भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए। 2014 में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बने। अब दोनों ने 2024 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है। 

राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएंगे ज्ञानेंद्र और ईश्वर

ददई दुबे ने अपने बड़े बेटे अजय दुबे को कांग्रेस के टिकट पर 2004 में विश्रामपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ाया था। सफलता नहीं मिली। 2019 में उनका निधन हो गया। अब छोटे बेटे अभय दुबे के बेटे ज्ञानेंद्र दुबे को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि, अब मैं विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा।

वे धनबाद से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। दुबे हजारीबाग से भी लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। उम्र के कारण रामचंद्र चंद्रवंशी ने भी चुनाव नहीं लड़ने का मन बना लिया है। वे संवैधानिक पद के लिए भाजपा में लाबिंग कर रहे हैं। अब क्षेत्र में उनके बेटे डा. ईश्वर सागर चंद्रवंशी ने सक्रियता बढ़ा दी है।

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