Jharkhand: किसान बो रहे सेहतमंद ब्लू गेहूं, सामान्य गेहूं से डेढ़ गुना अधिक पैदावार और मिलती है दो गुनी कीमत
इस साल किसान प्रियरंजन सिंह ने पंजाब से ब्लू गेहूं का बीज लाकर उसे दो बीघा खेत में बोया है। ब्लू गेहूं की फसल एक माह के अंदर कटेगी। प्रियरंजन ने बताया कि ब्लू गेहूं सेहत का खजाना है।
जफर हुसैन, जपला(पलामू): पलामू जिला के हुसैनाबाद प्रखंड अंतर्गत डुमरी हत्था गांव के किसान खेती में नित्य नए-नए प्रयोग कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की दो गुना आमदनी की जो बात कही है, वह इन किसानों ने साबित कर दी है।
इस साल किसान प्रियरंजन सिंह ने पंजाब से ब्लू गेहूं का बीज लाकर उसे दो बीघा खेत में बोया है। ब्लू गेहूं की फसल एक माह के अंदर कटेगी। किसान प्रियरंजन ने बताया कि ब्लू गेहूं सेहत का खजाना है। इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, मिनिरल्स आदि होते हैं, जो सेहत के लिए काफी लाभकारी हैं।
ब्लू गेहूं की कीमत दो गुना अधिक
उन्होंने बताया कि ब्लू गेहूं की पैदावार सामान्य गेहूं के मुकाबले अधिक होती है। दो बीघा में जितना ब्लू गेहूं की पैदावार होगी, उतना सामान्य गेहूं तीन बीघा में होता है। वहीं बाजार में सामान्य गेहूं से ब्लू गेहूं की कीमत दो गुना से अधिक मिलती है। गत दिनों रांची के कृषि प्रदर्शनी में डुमरी हत्था प्रथम आया था।
उन्होंने कहा कि डुमरी हत्था किसान सहयोग समिति से क्षेत्र के पांच सौ किसान जुड़े हैं। वह सभी पारंपरिक खेती छोड़ पिपरमिंट, काला धान, शुगर फ्री आलू की खेती कर रहे हैं। उन्होंने पलामू के किसानों का आह्वान किया है कि वह परंपरागत खेती को छोड़ अधिक मुनाफे वाली खेती करें।
सरकार भी करती है मदद
प्रियरंजन ने कहा कि इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण और बीज समेत सभी जानकारी दी जाएगी। सरकार भी किसानों की हर संभव मदद कर रही है। उनके गांव के अलावा आसपास के कई गांव में किसान परंपरागत खेती छोड़ अच्छी आमदनी वाली फसलें उगा रहे हैं। सरकार ने उनके गांव में जगह-जगह सोलर सिस्टम पंप की व्यवस्था की है। उन्हे खेती के लिए आसमान पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है।