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    शादी से इनकार करने पर युवती से दरिंदगी: सिर मुंडवाकर पहनाई जूते-चप्पल की माला, फिर गांव में घुमाया

    By Jagran NewsEdited By: Yashodhan Sharma
    Updated: Fri, 19 May 2023 07:46 PM (IST)

    पलामू जिले के एक गांव में एक युवती को शादी से इनकार करना भारी पड़ गया। लड़की के परिजन समेत ग्रामीणों ने उसका सिर मुंडवाकर और गले में जूते-चप्पलों की माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया। दरिंदगी का यह पूरा मामला पाटन प्रखंड के जागोडीह गांव का है।

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    शादी से इनकार करने पर युवती से दरिंदगी: सिर मुंडवाकर पहनाई जूते-चप्पल की माला, फिर गांव में घुमाया

    जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। झारखंड के पलामू जिले के एक गांव में एक युवती को शादी से इनकार करना भारी पड़ गया। लड़की के परिजन समेत ग्रामीणों ने उसका सिर मुंडवाकर और गले में जूते-चप्पलों की माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया। 

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    दरिंदगी का यह पूरा मामला जिले के पाटन प्रखंड के जागोडीह गांव का है, जहां पंचायत द्वारा आदिवासी समाज की एक युवती के साथ बदसलूकी की गई और उसका सिर मुंडवाकर, उसके गले में जूते-चप्पल पहनाकर गांव के चक्कर लगवाए।

    इसके बाद जब उनका मन यहां भी नहीं भरा तो रात के समय जंगल में लेकर उसे छोड़ दिया। वहीं इस केस पर अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने स्वत: संज्ञान लिया है। साथ ही मामले में झारखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से चार सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी है।

    गिरफ्तारी के निर्देश जारी

    इस मामले की जांच के लिए आयोग की टीम भी पलामू आ सकती है। दूसरी तरफ एनएचआरसी के नोटिस के बाद पुलिस-प्रशासन तेज है। गुरुवार को पलामू के एसपी ऋषभ गर्ग ने जागोडीह में जाकर घटना की जानकारी ली। फरार आरोपितों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का निर्देश दिया।

    क्या है मामला?

    जागोडीह गांव में 14 मई की शाम आदिवासी पंचायत ने गांव की एक युवती को दंडित किया था। युवती का जुर्म यह था कि उसने शादी से इनकार कर दी थी, जिस दिन गांव में बारात आई उस दिन वह घर से गायब हो गई। बाद में जब लौटी तो पंचायत बैठी।

    युवती से शादी से इनकार का कारण पूछा गया तब उसने चुपी साध ली तो उसे दंडित करने का निर्णय लिया गया। फिर उसकी भाभी और अन्य महिलाओं ने उसके केश काट कर मुंडन किया। जूते-चप्पाल की माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया गया।

    इस दौरान मारपीट भी की गई। रात के समय उसे गांव से दूर जंगल में ले जाकर छोड़ दिया गया। अगले दिन पाटन थाने की पुलिस ने उसे जंगल के समीप से बरामद किया। भूखे-प्यासे युवती को बिस्कुट और पानी दिया। अगर पुलिस ने सक्रियता न दिखाई होती तो भूख-प्यास से जंगल में उसकी मृत्यु हो सकती थी।

    अब तक तीन आरोपित गिरफ्तार

    आदिवासी युवती के माता-पिता नहीं हैं। उनकी वर्षों पहले मृत्यु हो चुकी है। युवती के फर्द बयान पर उसकी भाभी और चचेरे भाई समेत दस लोगों के खिलाफ पाटन थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

    इनमें पूर्व पंचायत समिति सदस्य पाचू राम, वार्ड सदस्य बालेश्वर उरांव और स्थानीय कन्हाई उरांव शामिल हैं। शेष की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। युवती को उज्ज्वला गृह में रखा गया है।

    इस घटना को लेकर गांव में दो तरह की कहानी चर्चा में है। एक जमीन विवाद और दूसरा प्रेम प्रसंग। इस घटना को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) के सचिव अर्पित श्रीवास्तव के निर्देश पर पारा लीगल वालंटियर रवींद्र सिंह ने गांव में जाकर मामले की जांच की।