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    Palamu Liquor Scam: फाइनल आडिट रिर्पोट में पलामू में शराब बिक्री के 14 करोड़ रुपये गबन की हुई पुष्टि

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 06:57 PM (IST)

    पलामू जिले की शराब दुकानों में मैन पावर उपलब्ध कराने वाली कंपनी को विस्तारित करार पिछले 30 जून को समाप्त होने के बाद दुकानों के हैंड ओवर व टेक ओवर का काम के साथ स्टाक की जांच कराई गई थी। जांच में पाया गया कि एजेंसी ने 13. 99 करोड़ की शराब काे तो बेच दिया लेकिन यह राशि झारखंड राज्य बेवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड को जमा नहीं कराया।

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    फाइनल आडिट रिर्पोट में पलामू में 14 करोड़ शराब बिक्री की राशि के गबन की पुष्टि

    केतन आनंद, मेदिनीनगर (पलामू)। जिले की शराब दुकानों में मैन पावर उपलब्ध कराने वाली कंपनी को विस्तारित करार पिछले 30 जून को समाप्त होने के बाद दुकानों के हैंड ओवर व टेक ओवर का काम के साथ स्टाक की जांच कराई गई थी।

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    इसमें जिला स्तर पर दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त कर सभी 79 दुकानों की आडिट टीम द्वारा जांच कराई गई। जांच में पाया गया कि एजेंसी ने 13. 99 करोड़ की शराब काे तो बेच दिया लेकिन यह राशि झारखंड राज्य बेवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड को जमा नहीं कराया।

    उत्पाद विभाग के स्थानीय अधिकारी आन रिकार्ड कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं। लेकिन बताया कि दुकानवार शार्ट राशि के अनुसार संबंधित कर्मी व एजेंसी के खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा।

    बता दें कि शराब बिक्री की राशि को जेएसबीसीएल के पास जमा नहीं करने के मामले को दैनिक जागरण ने लगातार प्रमुखता से प्रकाशित कर विभाग को लगातार आगाह किया था, बावजूद इसके विभाग इतने बड़े घोटले की ओर से आंखे मूंदे रहा।

    इससे वित्तीय अनियमितता का आंकड़ा बढ़ता गया। सूत्रों की मानें तो विभाग द्वारा शराब बिक्री की राशि को बैंकों में जमा कराने के लिए निजी एजेंसी की सेवा ली जाती है।

    एजेंसी के लोग अपने सेल्समैनों से वसूली करते रहे। यहीं नहीं सरकारी डिपो से निकले शराब के स्टाक को खुदरा दुकानों के स्टाक रजिस्टर में दर्ज नहीं कराया गया। दूसरी ओर विभाग द्वारा प्रतिमाह शराब दुकानों के कराए गए आंतरिक आडिट में भी अनियमितता को उजागर किया गया था।

    बावजूद इसके उत्पाद विभाग द्वारा इस गंभीर मामले को हल्के में लिया गया। हालांकि सैल्स मैनों द्वारा शराब बिक्री की राशि के घोटाले के मामले भी उजागर हुए, उत्पाद विभाग द्वारा कई प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। लेकिन खेला जारी रहा।

    एमआरपी से चार प्रतिशत अधिक की होती थी वसूली

     झारखंड राज्य में नई शराब नीति के तहत मई 2022 से निजी कंपनियों को खुदरा शराब दुकानों के संचालन के लिए मैन पावर आपूर्ति का ठेका दिया गया था। पलामू जिले में क्रमश: प्राइम वन, जीडीएक्स व आरके कंपनी ने मैन पावर उपलब्ध कराए थे।

    वर्तमान में यह काम केएस कंपनी द्वारा किया जा रहा है। जहां एजेंसी के लोग ही शराब की बिक्री कर रहे है। इनके द्वारा अलग से एमआरपी से चार प्रतिशत अधिक पर शराब की बिक्री कर करोड़ों का वारा न्यारा किया जाता रहा। वहीं कंपनी के समन्वयक अपने लोगों से प्रतिदिन कर्मियों से नकद राशि वसूलते रहे।

    बैंक गारंटी के रूप में कंपनी का जमा है चार कराेड़

    शराब बिक्री के 13.99 करोड़ की राशि के जमा नहीं कराने के आरोप मे फंसी केएस कंपनी का सिर्फ चार करोड़ की बैंक गारंटी सरकार के पास जमा है। इस स्थिति में शेष 10 करोड़ की राशि की वसूली करने में विभाग कानूनी प्रक्रिया में जाने की तैयारी कर रहा है।