Palamu News: खाद विक्रेताओं ने कहा- घाटे में संभव नहीं खाद बिक्री, उर्वरक उठाव से किया इन्कार
हुसैनाबाद अनुमंडल के मोहम्मदगंज हैदरनगर और हुसैनाबाद प्रखंड के खाद विक्रेताओं ने शुक्रवार को अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन सौंपते हुए उर्वरक उठाव से इन्कार कर दिया है। विक्रेताओं का कहना है कि प्रशासनिक निर्देश और सरकार द्वारा तय दर पर खाद बेचना उनके लिए भारी घाटे का सौदा साबित हो रहा है।
संवादसूत्र, हैदरनगर(पलामू) । हुसैनाबाद अनुमंडल के मोहम्मदगंज, हैदरनगर और हुसैनाबाद प्रखंड के खाद विक्रेताओं ने शुक्रवार को अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन सौंपते हुए उर्वरक उठाव से इन्कार कर दिया है।
विक्रेताओं का कहना है कि प्रशासनिक निर्देश और सरकार द्वारा तय दर पर खाद बेचना उनके लिए भारी घाटे का सौदा साबित हो रहा है। जिला डिस्ट्रीब्यूटर के गोदाम से खाद मंगवाने पर प्रति बोरा यूरिया की लागत 320 से 330 रुपये और डीएपी की लागत 1600 रुपये तक बैठती है।
जबकि सरकार ने यूरिया की खुदरा बिक्री कीमत 266 रुपये और डीएपी की कीमत 1350 रुपये प्रति बोरा तय की है। विक्रेताओं के अनुसार इस दर पर बिक्री करना उनके लिए असंभव है।
अनुमंडल खाद विक्रेता संघ के अध्यक्ष अनुज तिवारी ने कहा कि निजी स्तर पर इतनी ऊंची लागत चुकाने के बाद हम सरकारी दर पर बिक्री कैसे कर सकते हैं। यह सीधा घाटे का सौदा है।
जब तक मूल्य में यथार्थ सुधार नहीं होगा, तब तक हम लोग उठाव नहीं कर पाएंगे। विक्रेता वीरेंद्र सिंह ने कहा कि अगस्त महीने में कुछ दुकानदारों को सिर्फ 70-70 बोरी यूरिया उपलब्ध कराई गई।
यह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुआ है। किसानों की मांग और जरूरत के हिसाब से आपूर्ति बहुत कम है। विक्रेताओं ने प्रशासन को स्पष्ट कर दिया है कि जब तक यूरिया 350-360 रुपये और डीएपी न्यूनतम 1650 रुपये प्रति बोरा बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी, तब तक उठाव बाधित रहेगा।
उनका कहना है कि हुसैनाबाद अनुमंडल का यह प्रखंड बिहार की सीमा से लगा है, जहां की स्थिति अलग है। ऐसे में यहां भी मूल्य निर्धारण व्यवहारिक होना चाहिए। आवेदन सौंपने वालों में खुदरा विक्रेता अनूप कुमार सिंह सहित कई प्रतिष्ठानों के दुकानदार मौजूद थे।
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