Jharkhand News: सोन नदी में बाढ़ का खतरा, 40 में से 38 गेट खोले गए, प्रशासन Alert
भीम बराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण सोन नदी में बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है। बराज के 40 में से 38 गेट खोल दिए गए हैं। जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी से नदी के किनारे बसे गांवों में खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने नदी किनारे जाने से मना किया है। नाविकों और मछली पकड़ने वालों को विशेष रूप से सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

संवाद सूत्र, जपला (पलामू) । Palamu जिले के मोहम्मदगंज स्थित उत्तर कोयल नदी पर बने भीम बराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण सोन नदी में बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है। बराज के 40 में से 38 गेट खोल दिए गए हैं।
जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी से नदी के किनारे बसे गांवों में खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने नदी किनारे जाने से मना किया है।
नाविकों और मछली पकड़ने वालों को विशेष रूप से सतर्क रहने की सलाह दी गई है। हुसैनाबाद अनुमंडल प्रशासन, ओपी व थाना प्रभारी के स्तर से भी लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी जा रही है।
भीम बराज प्रमंडल के सहायक अभियंता सुरेंद्र कुमार ने बताया कि बराज से करीब 2.70 लाख क्यूसेक पानी डाउन स्ट्रीम की ओर छोड़ा गया है, जिससे सोन नदी के दोनों तटों पर लबालब पानी भर गया है और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
बाणसागर और रिहंद जलाशयों से भी छोड़ा गया पानी
बाढ़ की स्थिति और गंभीर तब हो गई जब मध्यप्रदेश के बाणसागर जलाशय में जलस्तर 339 मीटर तक पहुंच गया, जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 341 मीटर है। अधिक वर्षा के कारण Banasar से 1.10 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
वहीं, उत्तर प्रदेश के Rihand जलाशय से भी 9 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। रिहंद जलाशय, जो एशिया के सबसे बड़े जलाशयों में शामिल है, अब अपनी अधिकतम जलभराव क्षमता (870 फीट) के करीब पहुंच गया है।
यदि वर्षा का यही क्रम बना रहा तो अगले 1-2 दिनों में इसके गेट खोले जा सकते हैं, जिससे सोन नदी में जलस्तर और तेजी से बढ़ेगा।
इधर सोन नदी का भी जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जानकारी के अनुसार बांध सागर के आठ गेट खोल दिए गए हैं, जिससे सोन नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा गहराने लगा है। प्रशासन ने संबंधित क्षेत्रों के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और आवश्यक वस्तुएं पहले से जुटाने की अपील की है।
इधर,लगातार बारिश ने हुसैनाबाद अनुमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। हैदरनगर प्रखंड में 12 घंटे से बिजली आपूर्ति बाधित है। कई गांवों में बिजली के तार गिरे हैं।
बुद्धू बिगहा निवासी इस्लाम अंसारी के कच्चे मकान समेत करीब 12 कच्चे घर ढह गए हैं, जिससे कई परिवार बेघर हो गए हैं। लोग बारिश के कारण अपने घरों में ही कैद होकर रह गए हैं। बाजारों व सरकारी कार्यालयों में सन्नाटा है। कोई भी व्यक्ति अनावश्यक बाहर निकलने का जोखिम नहीं उठा रहा।
सोन नदी किनारे लोगों को चेतावनी, प्रशासन अलर्ट पर
जलस्तर में हो रही लगातार बढ़ोतरी के मद्देनजर हुसैनाबाद अनुमंडल प्रशासन ने सोन पार जाने, मछली मारने और तैराकी पर रोक लगा दी है। सोन टीला (डीला) जैसे ऊंचे स्थानों पर रह रहे लोगों को सावधानी बरतने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
देवरी ओपी प्रभारी बबलू कुमार ने बताया कि चार दिन पहले जब 1 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, तब भी बाढ़ जैसी स्थिति बन गई थी। अब उससे कहीं अधिक पानी आ रहा है, इसलिए खतरा और बढ़ गया है।
इंद्रपुरी पर भी नजर, बिहार के सीमावर्ती प्रशासन सतर्क
इंद्रपुरी जलाशय के कार्यपालक अभियंता बिनोद कुमार ने बताया कि बाढ़ की आशंका को देखते हुए बराज पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही वर्षा ने स्थिति को संवेदनशील बना दिया है।
बाढ़ की संभावना को देखते हुए झारखंड का हुसैनाबाद तथा बिहार के नौहट्टा और अकबरपुर क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है। राहत और बचाव दलों को तैयार रहने को कहा गया है।
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