Daltonganj chunav Result 2024: डाल्टनगंज में 890 वोट से हार गए कांग्रेस के कृष्णा, आलोक कुमार को मिली जीत
2005 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के इंदर सिंह नामधारी ने जीत हासिल की। साल 2009 के चुनाव में कांग्रेस के कृष्णानंद त्रिपाठी को जीत मिली। 2014 के चुनाव में इस सीट से आलोक चौरसिया विधायक बने तब वो झारखंड विकास मोर्चा से उम्मीदवार थे। 2019 में वे भाजपा की टिकट पर विधायक बने और अब एक बार फिर उन्होंने जीत हासिल की है।

डिजिटल डेस्क, डाल्टनगंज। Daltonganj vidhan sabha chunav Result 2024:डाल्टनगंज सीट झारखंड राज्य की 81 विधानसभा सीटों में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। पलामू लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली यह विधानसभा सीट पलामू जिले का मुख्यालय भी है। इस सीट से बीजेपी के आलोक कुमार चौरसिया और कांग्रेस के कृष्णा नंद त्रिपाठी चुनावी मैदान में थे। बीजेपी उम्मीदवार ने इस सीट से जीत दर्ज की
2005 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के इंदर सिंह नामधारी ने इस सीट से जीत हासिल की। वहीं साल 2009 के चुनाव में कांग्रेस के कृष्णानंद त्रिपाठी को जीत मिली। 2014 के चुनाव में इस सीट से आलोक चौरसिया विधायक चुने गए, तब वो झारखंड विकास मोर्चा से उम्मीदवार थे। 2019 में वे फिर से विधायक बने लेकिन इस बार उन्होंने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की। अब एक बार फिर आलोक कुमार चौरसिया विधायक चुने गए हैं, उन्हें 102175 वोट मिले, वहीं कांग्रेस उम्मीदवार को 101285 वोट मिले। महज 890 वोट से जीत-हार का फैसला हुआ और आलोक लगातार तीसरी बार विधायक बने।
एक हजार से भी कम रहा जीत-हार का अंतर
डाल्टनगंज विधानसभा सीट के चुनाव परिणाम आखिरी राउंड तक बदलते रहे, दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। यही नहीं यहां एक हजार से कम वोटों में जीत-हार का फैसला हुआ। डाल्टनगंज से बीजेपी के आलोक कुमार चौरसिया और कांग्रेस के कृष्णा नंद त्रिपाठी चुनावी मैदान में थे। बीजेपी के आलोक चौरसिया को 102175 वोट मिले, वहीं कांग्रेस के कृष्णा नंद त्रिपाठी को 101285 वोट मिले। आलोक चौरसिया ने लगातार इस सीट से तीसरी बार और बीजेपी की टिकट पर दूसरी बार जीत दर्ज की है।
डाल्टनगंज का इतिहास
राज्य की सियासत में अहम रोल निभाने वाली इस सीट का गठन 1977 में किया गया था। तब यहां कराए गए पहले चुनाव में जनता पार्टी के पूर्ण चंद विधायक चुने गए। उस दौरान यह सीट बिहार राज्य का हिस्सा थी। 2000 में बिहार से अलग कर बनाए गए झारखंड राज्य में इस सीट को शामिल कर दिया गया।
यह क्षेत्र चेरो साम्राज्य के दौरान अस्तित्व में आया था। इस साम्राज्य के राजा मेदिनी राय के नाम पर इस इलाके का नाम रखा गया, जो बाद में पलामू और फिर डाल्टनगंज हो गया। चेरो साम्राज्य के कई स्मारक आज भी इस इलाके में मौजूद हैं, जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।