पलामू के 15,779 छात्र-छात्रों का दर्द, पिछले साल की छात्रवृत्ति से रह गए थे वंचित, अब नए सत्र के लिए शुरू हुआ आवेदन
पलामू जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एससी एसटी और पिछड़ा वर्ग के 15779 छात्र-छात्राएं पिछले साल की छात्रवृत्ति से वंचित रह गए हैं। इनमें कक्षा 1 से 8 और कक्षा 9 व 10 तक के बच्चे शामिल हैं। छात्रवृत्ति राशि वित्तीय वर्ष 2024-25 में ही दे दी जानी थी लेकिन अब तक भुगतान नहीं हुआ है।

जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। पलामू जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एससी, एसटी और पिछड़ा वर्ग के 15,779 छात्र-छात्राएं पिछले साल की छात्रवृत्ति से वंचित रह गए हैं।
इनमें कक्षा 1 से 8 और कक्षा 9 व 10 तक के बच्चे शामिल हैं। छात्रवृत्ति राशि वित्तीय वर्ष 2024-25 में ही दे दी जानी थी, लेकिन अब तक भुगतान नहीं हुआ है।
आंकड़ों के अनुसार, पिछड़ा वर्ग के 11,107 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति इसलिए नहीं मिल पाई क्योंकि केंद्र सरकार से आवंटन उपलब्ध नहीं कराया गया।
वहीं, एससी/एसटी वर्ग के 4,672 छात्रों को राशि इसलिए नहीं मिल सकी क्योंकि विभाग का आवंटन समाप्त हो गया। नियम के अनुसार मार्च 2025 तक सभी पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाना चाहिए था।
पांच माह से अधिक का विलंब हो चुका है, पढ़ाई प्रभावित
लेकिन सितंबर का महीना बीत गया। पांच महीने से अधिक का विलंब हो चुका है। इस देरी से गरीब और जरूरतमंद बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। कई परिवार शिक्षा खर्च, कापी-किताब और अन्य जरूरतें जुटाने में कठिनाई झेल रहे हैं।
जिला कल्याण पदाधिकारी ने छात्रवृत्ति भुगतान रुकने के कारणों की जानकारी दी।
कल्याण विभाग के अधिकारी का कहना है कि भुगतान इसलिए रुका है क्योंकि आवंटन नहीं मिला। हालांकि विद्यार्थी और उनके अभिभावक महीनों से राशि का इंतजार कर रहे हैं।
इस बीच, वित्तीय वर्ष 2025-26 की छात्रवृत्ति आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। सितंबर महीने से पोर्टल पर कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए आवेदन जमा होना शुरू हो गया है, जबकि कक्षा 9 और 10 के लिए आवेदन प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है।
कक्षा 1 से 10 तक के बच्चों को दी जाती है छात्रवृत्ति
प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को शिक्षा में प्रोत्साहन देना है। इसके तहत कक्षा 1 से 10 तक के विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता दी जाती है।
ताकि वे पढ़ाई पूरी कर सकें और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें। कक्षा 1 से 8 तक की छात्रवृत्ति के लिए पारिवारिक आय की कोई सीमा नहीं है।
कक्षा 9 और 10 के लिए वार्षिक पारिवारिक आय अधिकतम 2.5 लाख रुपये होनी चाहिए। छात्रवृत्ति राशि पढ़ाई, कापी-किताब और अन्य शैक्षिक जरूरतों में मदद करती है।
ड्रापआउट रोकने के लिए छात्रवृत्ति राशि में वृद्धि
सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 10 तक के ओबीसी, एससी, एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को बीते साल से नई दर पर छात्रवृत्ति मिल रही है।
कक्षा 1 से 5 तक 1,500 रुपये, छात्रावास में रहने वालों को भी 1,500 रुपये, कक्षा 6 से 8 तक 2,500 रुपये, छात्रावास में रहने वालों को 2,000 रुपये, कक्षा 9 से 10 तक 4,500 रुपये, छात्रावास में रहने वालों को भी 4,500 रुपये दिए जाते हैं।
पहले की दर के मुकाबले यह वृद्धि बच्चों को नियमित शिक्षा में बनाए रखने और ड्रापआउट रोकने के उद्देश्य से की गई है।
केंद्र सरकार से आवंटन उपलब्ध नहीं होने के कारण पिछड़ा वर्ग के 11,107 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति की राशि अब तक नहीं मिल पाई है। वहीं, आवंटन समाप्त हो जाने से एससी/एसटी वर्ग के 4,672 विद्यार्थियों को भी भुगतान नहीं किया जा सका। सरकार से आवंटन की मांग की गई है। आवंटन होने के बाद राशि का वितरण किया जाएगा।
-प्यारेलाल, जिला कल्याण पदाधिकारी, पलामू
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