तुम्हारी और मेरी रात में बस फर्क इतना है..
मेदिनीनगर : किसी की दिल की मायूसी जहां से होकर गुजरी है, तुम्हारी और मेरी रात में बस फर्क इतना है। त ...और पढ़ें

मेदिनीनगर : किसी की दिल की मायूसी जहां से होकर गुजरी है, तुम्हारी और मेरी रात में बस फर्क इतना है। तुम्हारी सोके गुजरी है, हमारी रोके गुजरी है.. कविता पेश कर डॉ. कुमार विश्वास ने समाज में व्याप्त असमानता और अलग-अलग हालात को प्रस्तुत किया। वे रविवार की रात स्थानीय पुलिस स्टेडियम में आयोजित हास्य कवि सम्मेलन में अपनी कविता पेश कर रहे थे। यह शाम ठहाकों के नाम रही। इसका आयोजन पलामू चैंबर आफ कामर्स के तत्वावधान में किया गया।
इसके पूर्व मां वंदना से हास्य कवि सम्मेलन का आगाज किया गया। इससे पहले कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि पलामू के आयुक्त जेपी लकड़ा,पीडीजे केके श्रीवास्तव, छतरपुर विधायक राधाकृष्ण किशोर, हुसैनाबाद के विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता, पलामू चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष आनंद शंकर आदि ने किया। इन सभी ने बाहर से आए कवियों व कवियित्री को शाल भेंटकर सम्मानित किया। यह कार्यक्रम पौने नौ बजे से शुरू होकर 12.30 बजे रात तक चला। पौने चार घंटा चले इस कार्यक्रम में विश्व प्रसिद्ध हास्य व व्यंग्य कवि डा. कुमार विश्वास, एहसान कुरैशी, वरिष्ठ कवि प्रदीप चौबे, गोविंद राठी, युवा कवियित्री कविता तिवारी ने अपने हास्य व व्यंग्य के माध्यम से स्टेडियम में उपस्थित श्रोताओं को ठहाका लगाने पर मजबूर कर दिया। समारोह का संचालन शंकर कैमूरी ने किया।
देर रात तक चले कार्यक्रम के अंतिम समय में माइक समारोह के मुख्य कवि डॉ. कुमार विश्वास ने उठाई। उनके शेरो-शायरी, कविता पाठ और कटाक्ष ने युवाओं में जोश भरा दिया। व्यंग्य-वाण से लोगों को लोट-पोट कराया। डॉ. कुमार विश्वास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सोनिया गाधी, राहुल गाधी,सोनिया गाधी,मुलायम सिंह से लेकर झारखंड के कई नेताओं पर कटाक्ष किया। स्थानीय नेता इंदर सिंह नामधारी पर भी व्यंग्य-वाण छोड़े।
डा. विश्वास अपनी कविता व व्यंग्य-वाण से देशप्रेम और आज हिन्दुस्तान की हिन्दी की भी प्रासंगिकता को बताई। हास्य व्यंग्य की इसी कड़ी में उन्होंने पलामू के नक्सलवाद पर भी व्यंग्य कसा। समारोह में झारखंड विस के सचेतक सह छतरपुर विधायक राधाकृष्ण किशोर, डालटनगंज विधायक आलोक चौरसिया, हुसैनाबाद विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता, जिप अध्यक्ष अनिता देवी, उपाध्यक्ष विनोद सिंह समेत हजारों की संख्या में व्यवसायी, प्रबुद्ध नागरिक, कवि, शायर आदि मौजूद थे।
गुदगुदाते रहे एहसान कुरैशी
कवि सम्मेलन के दौरान कवि एहसान कुरैशी ने कई चुटकुलों के माध्यम से श्रोताओं को हंसी के लिए लोटपोट कर दिया। उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि पलामू वाले, डालटनगंज वाले, सबके मन को भाए. तो लोगों ने जोरदार ठहाका लगाया। वे अपने अंदाज व कविता के माध्यम से लोगों को लगातार हंसाते रहे।
ग्वालियर से आए वरिष्ठ कवि प्रदीप चौबे ने अपने अंदाज से लोगों को लोटपोट करने पर मजबूर कर दिया। कहा कि साली ने जीजा से कहा कि पास हो गई हूं, मिठाई खिलाइए, जीजा ने कहा क्यों नहीं और पास हो जाओ।
लखनऊ से आई युवा कवियित्री कविता तिवारी ने वाणी वंदना से हास्य कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से कहा कि जब तक सूरज, चंदा चमके तब तक यह ¨हदुस्तान रहे। उन्होंने अपने अंदाज में वाणी वंदना में कहा कि ऐसा लग रहा वीणा बज रही है-आ जाओ मंच पर आसन यहां लगा लो पेश किया।
मुम्बई से आए गोविंद राठी ने अपनी कविता के माध्यम से आतंकवाद का जोरदार विरोध किया। साथ ही दुश्मनों को लालची बताया। अपनी कविता के माध्यम से कहा कि कायरों की तरह जो नकाबों में रहता है-जिसका गंदा खून दाढ़ों में रहता है, गलती उसकी नहीं है, कुत्ते को एक टुकड़ा डाल दो तो वह रोटी की जुगत में रहता है।

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