Pakur News: पत्थर खदान व क्रशर संचालकों पर एनजीटी का शिकंजा, नोटिस भेजकर चार सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
पाकुड़ जिले में पत्थर खदानों और क्रशरों द्वारा नियमों के उल्लंघन पर एनजीटी ने सख्त रुख अपनाया है। सात मालिकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। एलएलबी छात्र की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एनजीटी ने जांच समिति गठित की है। खदानों पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के आरोप हैं। मालिकों को नोटिस भेजकर रिपोर्ट मांगी गई है।
जागरण संवाददाता, पाकुड़। जिले के हिरणपुर प्रखंड अंतर्गत विशनपुर, प्रतापपुर, मानसिंहपुर, सिउलीडांगा, गणेशपुर सहित आसपास के गांवों में संचालित पत्थर खदान व क्रशरों में नियमों की अनदेखी भारी पड़ सकती है।
पत्थर खदान व क्रशर मालिकों पर गाज गिरने की संभावना बढ़ गई है। एनजीटी (राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण) पूर्वी क्षेत्र कोलकाता ने एक जुलाई 2025 को सात मालिकों को नोटिस जारी किया है। चार सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब मांगा है।
नोटिस का जवाब मिलने के बाद मालिकों के विरुद्ध आगे की कार्रवाई शुरु हो जाएगी। अध्ययनरत एलएलबी छात्र महेंद्र प्रकाश सोरेन ने 22 अप्रैल 2025 को एनजीटी में पत्थर खदानों व क्रशरों में नियमों की अनदेखी की शिकायत की थी।
एनजीटी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 17 जून 2025 को केस रजिस्टर्ड किया। पहली जुलाई को सुनवाई के पश्चात संबंधित सात मालिकों को नोटिस जारी किया गया है।
एलएलबी छात्र ने संचालकों पर आरोप लगाया है कि ईसी और सीटीओ के अंतर्गत दिए गए अनिवार्य शर्तों को पूरा नहीं किया जा रहा है।
सुनवाई के दौरान एनजीटी ने एक तथ्य अन्वेषण समिति का गठन करने का भी निर्देश दिया है। इसमें डीसी या उनके प्रतिनिधि, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ विज्ञानी, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ विज्ञानी को शामिल करने का आदेश दिया है।
समिति के सदस्य संबंधित स्थल का दौरा करके जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इस दौरान दोषी पाए जाने वाले मालिकों के ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए एनजीटी की तरफ से संचालकों को नोटिस भेज दिया गया है।
संचालकों पर क्या है आरोप
एलएलबी छात्र महेंद्र प्रकाश सोरेन ने एनजीटी में शिकायत किया है कि पत्थर खदान व क्रशर से पर्यावरण को भारी क्षति पहुंच रही है। ईसी और सीटीओ का उल्लंघन हो रहा है। चारों ओर धूल उड़ रही है। कार्य स्थल के आसपास न तो चारदीवारी है और न ही पक्की सड़कें।
उन्होंने कहा कि ग्रीन बेल्ट क्षेत्र विकसित नहीं हुआ है और नियमों की अनदेखी कर खुलेआम पत्थरों की ढुलाई हो रही है। दिन-रात विस्फोट की प्रक्रिया से पत्थर निकाला जा रहा है। पत्थर तोड़ने वाली इकाइयां गंभीर सांस संबंधी बीमारियों का कारण बन रही है।
आरोप है कि आसपास के गांवों के लोगों को अस्थमा, त्वचा और आंखों में जलन की समस्या से जूझना पड़ रहा है। कृषि योग्य भूमि और आम रास्ते को भी बर्बाद कर दिया गया है।
गांवों के अलावा प्राथमिक विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र में प्रवेश निषेध अधिनियम का उल्लंघन है। एलएलबी छात्र ने यह भी आरोप लगाया है कि विस्फोट व क्रशिंग गतिविधियां जारी है। रात के समय भी भारी वाहन अवैध रुप से लगे रहते हैं।
इन मालिकों को किया गया नोटिस
- मेसर्स दादा भाई स्टोन वर्क्स
- मेसर्स पाकुड़ ब्लैक राक स्टोन वर्क्स
- मेसर्स नुरुज्जमान शेख, पार्टनर आफ एनजीपी स्टोन वर्क्स
- मेसर्स नुरुज्जमान शेख
- मेसर्स न्यू फोर स्टार स्टोन वर्क्स
- मेसर्स फोर स्टार स्टोन वर्क्स
- मेसर्स जयगुरु स्टोन वर्क्स
क्या कहते हैं अधिकारी
मामला संज्ञान में है। कमेटी से मामले की जांच कराई गई है। जांच रिपोर्ट भेज दिया गया है। -राजेश कुमार, जिला खनन पदाधिकारी
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