पाकुड़ में ITDA के खाते में फर्जीवाड़ा, 74 ट्रांजेक्शन कर बैंक से निकाले 12.38 करोड़; FIR दर्ज
पाकुड़ में समेकित जनजातीय विकास अभिकरण (आईटीडीए) कार्यालय के खाते से 12.38 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला सामने आया है। आईटीडीए निदेशक अरूण कुमार ...और पढ़ें

जांच में जुटी पुलिस। (जागरण)
जागरण संवाददाता, पाकुड़। समेकित जनजातीय विकास अभिकरण (आईटीडीए) कार्यालय के बैंक खाता 11440445629 से 12 करोड़ों 38 लाख रुपये की अवैध फर्जी निकासी के मामले में आईटीडीए निदेशक अरूण कुमार एक्का ने शुक्रवार की शाम नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है।
इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते घोटाले में संलिप्त तीन कर्मियों कार्यालय अधीक्षक मानवेंद झा, कंप्यूटर ऑपरेटर सूरज कुमार केवट एवं अनुसेवक अक्षय रविदास को गिरफ्तार कर लिया।
आईटीडीए के खाते से यह फर्जी निकासी 74 फर्जी एडवाइस के सहारे की गई। फर्जी निकासी का यह खेल फरवरी 2025 से चल रहा था। इन कर्मचारियों द्वारा तैयार एडवाइस न तो पंजी से मेल खाता था न इसमें हस्ताक्षर ही असली होता था। मामला पकड़ में तब आया जब शक होने पर एसबीआई बाजार शाखा के प्रबंध अभिनव कुमार तक एडवाइस पहुंचा। यदि शाखा प्रबंधक तक एडवाइस नहीं पहुंचता तो यह खेल जारी रहता।
कल्याण पदाधिकारी को फोन कर दी सूचना
प्रभारी कल्याण पदाधिकारी सह आईटीडीए निदेशक ने बताया कि एडवाइस में किए गए हस्ताक्षर पर शक होने पर शाखा प्रबंधक अभिनव कुमार ने आठ दिसंबर को उन्हें फोन कर बताया कि उनके द्वारा बैंक को भेजे गए एडवाइस में किया गया हस्ताक्षर बैंक के रिकॉर्ड हस्ताक्षर से मेल नहीं खा रहा।
उन्होंने बैंक पहुंचे कर्मचारी अक्षय रविदास पर भी संदेह जाहिर किया। उन्होंने बताया कि हस्ताक्षर संदिग्ध पाये जाने के तुरंत बाद विभाग का कंप्यूटर ऑपरेटर सूरज कुमार केवट एवं कार्यालय अधीक्षक मानवेंद्र झा बैंक पहुंचा और दूसरा एडवाइस लाने की बात कह एडवाइस अपने साथ ले गया।
निदेशक ने बताया कि इसके बाद जब संबंधित कर्मी से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उन लोगों ने उनके सामने ही एडवाइस फाड़ कर फेंक दिया। जिसे उन्होंने जमा कर सुरक्षित रख लिया है। इसके बाद निदेशक ने फरवरी से अब तक हुई निकासी की जांच करायी तब पता चला कि अब तक 12.38 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी हो चुकी है।
प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि कार्यालय नाजीर द्वारा रोकड़ बही को अद्यतन करने के लिए जो बैंक स्टेटमेंट उपलब्ध कराया गया था, उसमें भी हेरफेर किया हुआ था। यह स्टेटमेंट कार्यालय अधीक्षक मानवेन्द्र झा द्वारा बैंक से लाकर नाजीर को सौंपा गया था। बाद में बैंक से पुनः प्राप्त वास्तविक स्टेटमेंट से इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ।
फर्जी निकासी का मामला सामने आने के बाद नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
अरूण कुमार एक्का, निदेशक, आईटीडीए

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