Eduwisor नामक एजुकेशन कंसल्टेंसी करती है आकांक्षी डॉक्टरों की बिना बड़े खर्चे उठाये अपने सपनों को पूरा करने में सहायता
Eduwisor दुनियाभर में १० देशों के ४५ से ज़्यादा मेडिकल कॉलेजेस के साथ जुड़ी हुई है। यह एजुकेशन कंसल्टेंसी की टीम स्वयं हर एक कॉलेज और यूनिवर्सिटी में जा कर सुनिश्चित करती है की वे ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के मुताबिक़ छात्रों को शिक्षा प्रदान करती हैं।
भारत में उच्चतम शिक्षण का महत्व शुरू से ही काफी ज़्यादा रहा है। हर परिवार का सपना होता है की वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला कर समाज में प्रतिष्ठित पद हासिल करने के लिए सक्षम बनाए। जब उच्च शिक्षा प्राप्त करने की बात आती है, भारत में मेडिकल कॉलेजेस की डिमांड हमेशा से ही ज़्यादा रही है। हालांकि इस देश के कई नौजवान सफल डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित हैं, मेडिकल कॉलेजेस की अपर्याप्त और बेजा एडमिशन प्रक्रियाओं की वजह से कई सपने अधूरे रह जाते हैं।
कोविड की मार झेलने के बाद दुनिया काफी बदल चुकी है। एक वैश्विक महामारी ने हमें योग्य स्वास्थ्य-सम्बंधित सेवाओं और गुणी डॉक्टरों की अहमियत सीखा दी है। सीमित सीटें, असहनीय फीस, और अत्यधिक कम्पटीशन जैसी कठिनाइयां सक्षम छात्रों को चुनिंदा सीटों में अपना स्थान ग्रहण करने के लिए मजबूर कर देती हैं, जिससे कई छात्र हार मान कर अपने सपनों से समझौता कर बैठते हैं।
जबकि अधिकतर लोग इन् हालातों को स्वीकार कर लेते हैं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो एक सफल बदलाव लाने का ज़िम्मा उठाते हैं। देश की शैक्षणिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए, मुंबई के दो सोशल एन्त्रेप्रेंयूर्स, मुबीन सैय्यद और ज्योति कृष्णा की एक छोटी सी टीम ने Eduwisor नामक एक एजुकेशनल कंसल्टेंसी की स्थापना की। Eduwisor की नीव दुनिया भर (और विशेष रूप से भारत) की शैक्षणिक व्यवस्था में बदलाव लाने किए लिए राखी गयी है। भारतीय या विदेशी मेडिकल कॉलेजेस से MBBS करने की इच्छा रखने वाले छात्रों को Eduwisor उचित और प्रतिष्ठित कॉलेज ढूंढने से लेकर एडमिशन होने तक पूरी सहायता करती है। भारत की स्वास्थ्य-सम्बंधित सेवाओं में सुधार लाने के इरादे से Eduwisor अगले दस सालों में देश को १०,००० डॉक्टर्स देने का ध्येय रखती है।
देश की मौजूदा शैक्षणिक व्यवस्था की वजह से गुणी छात्रों का डॉक्टर बनने का सफर और कठिन होता जा रहा है। हाल ही में NMC द्वारा लिए गए फैसले के मुताबिक़ २५ साल से बड़े छात्र NEET-UG की परीक्षा दे सकते हैं। इससे मौजूदा NEET आकांक्षियों की दुविधा और बढ़ती नज़र आती है। जबकि NEET की सीटों में कोई बढ़ौतरी नहीं हो रही, हर साल परीक्षार्थियों के आंकड़ों में इज़ाफ़ा हो रहा है। यह दूरी तय करना छात्रों के लिए मुश्किल होता रहेगा। NEET २०२२ के लिए १८ लाख से ज़्यादा छात्रों ने रजिस्टर किया है, जबकि MBBS सीटों की संख्या है मात्र ८८,०००। इस हिसाब से परीक्षार्थियों में से सिर्फ ५% छात्रों को भारत के मेडिकल कॉलेजेस में भर्ती होने का मौखा प्राप्त होगा।
छात्रों को प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजेस में एडमिशन करवाने के साथ Eduwisor उनके परिवारों को ज़रुरत से ज़्यादा खर्चे उठाने से भी बचाती है। ८० से ९० लाख रूपये खर्च कर अपने बच्चों को भारत के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में पढ़ाने के बजाये Eduwisor आकांक्षी डॉक्टरों के परिवारों को २० लाख के शुरूआती बजेट में प्रख्यात विदेशी कॉलेजेस में दाखिला करवाने में सहायता करती है।
Eduwisor दुनियाभर में १० देशों के ४५ से ज़्यादा मेडिकल कॉलेजेस के साथ जुड़ी हुई है। यह एजुकेशन कंसल्टेंसी की टीम स्वयं हर एक कॉलेज और यूनिवर्सिटी में जा कर सुनिश्चित करती है की वे ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के मुताबिक़ छात्रों को शिक्षा प्रदान करती हैं। Eduwisor उन्ही यूनिवर्सिटीज़ के साथ जुड़ती है जो वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ़ मेडिकल स्कूल्ज़ में दर्ज हैं और जिनकी डिग्री विश्वभर में स्वीकारी जाती हैं। Eduwisor हर विदेशी यूनिवर्सिटी को NMC के नियमों का पालन करते हुए प्रमोट करती है। मलेशिया, ज्योर्जिया, बांग्लादेश, कज़ाखस्थान, और रूस MBBS के लिए Eduwisor द्वारा प्रमोट किये गए सबसे लोकप्रिय देशों में से हैं।
Eduwisor के संस्थापक स्वयं भारत की शैक्षणिक व्यवस्था से झूझे हैं और उन् सभी छात्रों के दर्द को व्यक्तिगत रूप से समझ सकते हैं जिन्हे आज भारतीय मेडिकल कॉलेजेस से एडमिशन लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मुबीन ने सिम्बायोसिस इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ साइंसेज से PGDM की शिक्षा प्राप्त की है और अन्नामलाई यूनिवर्सिटी से MBA की डिग्री हासिल की है। ज्योति कृष्णा ने NID अहमदाबाद से डिज़ाइन कम्युनिकेशन की शिक्षा प्राप्त की है। मुबीन सैय्यद कहते हैं, "कोरोना महामारी के दौरान देश में डॉक्टरों और पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाओं की कमियों को देखकर हमें Eduwisor को स्थापित करने और छात्रों को उचित रूप से सहायता करने की प्रेरणा मिली।"
इसके अलावा Eduwisor भारतीय छात्रों को NMC के नेशनल एग्जिट टेस्ट लागू करने वाले फैसले का मेडिकल लाइसेंस प्राप्त करने में भरपूर लाभ उठाने का अवसर भी देती है। यह टेस्ट भारत और विदेश से ग्रेजुएट हुए मेडिकल छात्रों को लाइसेंस लेने के लिए समान अवसर देता है। इस तरह Eduwisor की सहायता से छात्र विदेश से ग्रेजुएट होने के बाद भारत लौटकर नेशनल एग्जिट टेक्स्ट दे सकते हैं।
छात्रों को मेडिकल कंसल्टिंग की सेवा प्रदान करने के साथ Eduwisor एक शिक्षाप्रद यूट्यूब चैनल भी चलाती है, जहां छात्रों की चुनौतियों, MBBS में एडमिशन मिलने की योग्यता, उचित यूनिवर्सिटी चुनने की सलाह - ऐसे कई विषयों पर वीडियोज़ अपलोड किये जाते हैं। Eduwisor की ऑफिशल वेबसाइट पर जाने और सोशल मीडिया द्वारा टीम से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।