श्रीराम के चरित्र को जीवन में उतारने से होगा उद्धार
व्यास पीठ का वैदिक परंपरा से पूजा-अर्चना किया गया

श्रीराम के चरित्र को जीवन में उतारने से होगा उद्धार
संवाद सहयोगी, पाकुड़ : शहर के राजापाड़ा स्थित कालीबाड़ी मैदान में मंगलवार को नौ दिवसीय श्रीराम चरित्र मानस कथा व संगीतमय प्रवचन शुरु हुआ। श्रीराम चरित्र मानस कथा का आयोजन गणेश पूजन के साथ शुरू हुआ। इसके पूर्व श्रीराम चरित्र मानस कथा को लेकर कलशयात्रा यज्ञ स्थल से निकलकर शहर के विभिन्न मुहल्लों में भ्रमण करते हुए शहर के काली भसान तालाब पहुंची। यहां से कलश में जलभर कर मुख्य मार्ग होते हुए कार्यक्रम स्थल राजापाड़ा स्थित कालीबाड़ी मैदान पहुंची। जहां वैदिक परंपरा से कलश स्थापना किया गया। कलशयात्रा में नगर परिषद संपा साहा शामिल हुई। इस कलशयात्रा से शहर का माहौल भक्तिमय हो गया। इस दौरान कथावाचिका मानस मंजरी लक्ष्मी रानी एवं राधा रानी को फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया। इसके पूर्व व्यास पीठ का वैदिक परंपरा से पूजा-अर्चना किया गया। कथावाचिका मानस मंजरी रामकथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इच्छा अभिलाषा सभी क्रिया कलापों की जड़ है। जिसका मूल उद्देश्य रस की प्राप्ति करना है। उन्होंने संतो के रहस्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संत दूसरे के सहयोग व उद्वार करने में हमेशा परोपकारी रहे है। जैसे कपास का फुल अपने अस्तित्व को समाप्त करने के बावजूद दूसरे को उज्ज्वलता प्रदान करती है। उसी तरह संत भी अपने पहचान को मिटाते हुए भी अज्ञानता, अविवेक समाप्त करते है। संतो की वंदना कर उनके रहस्यों एवं आदर्शों को जीवन में उतारे। उन्होंने कहा कि श्री राम कथा एक राष्ट्रीय मार्ग की भांति हमें हमारी मंजिल तक पहुंचाने का मार्ग प्रदर्शित करता है। कथा उस सहजता और सरलता तक पहुंचाने की कुंजी है राम कथा बिन सुलभ में हुई रामचरितमानस हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। सदा मार्ग पर चलकर ही हम अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीरामचंद्र जी के चरित्र को अंत:करण में धारण करने से प्राणी मात्र का उद्धार होता है। राम है वहां काम नहीं और जहां काम है वहां राम नहीं हो सकता है। आज लोगों को भगवान श्री रामचंद्र जी के चरित्र को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।