किसानों को तरसाकर फिर निकल गए बदरा
जमकर नहीं बरसा बदरा

किसानों को तरसाकर फिर निकल गए बदरा
जागरण संवाददाता, पाकुड़ : जिला मुख्यालय सहित जिलेभर में मंगलवार को दिन भर घने बादल छाए रहे लेकिन बरसे नहीं। इससे किसानों में निराशा छाई रही। पूरे दिन रुक-रुककर रिमझिम बारिश हुई। हालांकि पाकुड़िया सहित कुछ स्थानों में अच्छी बारिश हुई। जमकर बारिश नहीं होने के कारण धनरोपनी का कार्य जोर नहीं पकड़ पा रहा है। सुबह से मौसम सुहाना रहा लेकिन दोपहर तीन बजे के बाद कड़ी धूप निकल आई। कृषि विभाग के अनुसार इस बार वर्षापात काफी कम है। जिस कारण धनरोपनी कार्य ठीक से नहीं हो पा रहा है। किसान नदी, तालाब आदि जलश्रोतों से सिंचाई कर कुछ हिस्सों में धनरोपनी किए हैं। मंगलवार की सुबह आसमान में घनघोर बादल छा गए जिससे किसानों में उम्मीद जगी कि कि जमकर बारिश होगी। लेकिन कुछ देर तक रिमझिम बारिश होने के बाद थम गई। दोपहर बाद आसमान के कुछ हिस्से साफ हो गए। इसके बाद उमस बढ़ गई।
किसान रमेश घोष ने बताया कि सुबह ऐसा लग रहा था कि जमकर बारिश होगी। बाकी बचे खेतों में आसानी से धनरोपनी हो जाएगी, लेकिन किसानों को निराशा ही हाथ लगी। श्यामसुंदर साहा ने बताया कि इस बार 75 फीसद से भी अधिक खेत परती है। बारिश नहीं होने के कारण धानरोपनी शुरू नहीं हो पाई है। सनातन हांसदा ने कहा कि अब धान रोप कर भी फायदा नहीं है। बीटीएम मो. शमीम ने बताया कि धनरोपनी का कार्य सही तरीके से शुरू नहीं हो सका है। पानी का काफी अभाव है।
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