हस्तशिल्प कला के अस्तित्व को नया रूप दे रही “ अरविंद हैंडीक्राफ्ट्स" कंपनी
आज के युग में भी साज-सज्जा के रूप में कई वस्तुओं का उपयोग होता है परंतु आज हर क्षेत्र में मशीनों का बोलबाला है । जिसका प्रभाव यह है कि मशीनों द्वारा बनाई गई वस्तु हर जगह व सस्ते दामों में मिल जाती है

प्राचीन काल से लेकर आज तक घरों को सजाने में विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का प्रयोग होता आ रहा है । लकड़ी की मेज से लेकर दमकते हुए आईने तक, तांबे की मूर्ति से लेकर कपड़े से बने हुए खिलौने तक , सारी प्रकार की साज-सज्जा की वस्तुएं प्रेम सहित हाथों से बनाई जाती थी । हाथों से बनाए जाने के कारण हर एक वस्तु में अनोखा निखार होता था जो कि रचनाकार की मेहनत का नतीजा होता था । हस्त शिल्पकार अपने द्वारा की गई कारीगरी में इस प्रकार की अनोखी छाप छोड़ते थे कि कोई चाहकर भी उस वस्तु की हू-ब-हू नकल ना कर पाए । हर एक वस्तु अपने आप में ही एक अनोखी वस्तु होती थी ।
आज के युग में भी साज-सज्जा के रूप में कई वस्तुओं का उपयोग होता है परंतु आज हर क्षेत्र में मशीनों का बोलबाला है । जिसका प्रभाव यह है कि मशीनों द्वारा बनाई गई वस्तु हर जगह व सस्ते दामों में मिल जाती है जबकि हस्तनिर्मित वस्तुओं का सस्ते दामों में मिलना तुलनात्मक रूप से मुश्किल होता है । परंतु भारत जैसे विशाल देश में हस्तशिल्प बनाने वाली कई कंपनियां आज भी अपनी संस्कृति को जीवित रखे हुऐ है और हस्त निर्मित वस्तुओं का बेहरतीन नमूना बनाने में सक्षम हैं। ऐसी ही एक कंपनी “ अरविंद हैंडीक्राफ्ट्स" अपने हस्तशिल्प व्यापार को 1981 से चला रही है और बाजार में हस्तशिल्प वस्तुओं की माँग को संतुष्ट कर रही है।
1981 में अरविंद जैन जी द्वारा 'अरविंद हैंडीक्राफ्ट्स' नामक कंपनी की स्थापना हुई थी । अरविंद जैन जी का संबंध जोधपुर से है जहां की हस्तकलाएँ , संस्कृति तथा रीति रिवाज अपने आप में अलग पहचान रखते है। आज 'अरविंद हैंडीक्राफ्ट्स' कंपनी का नाम काफी प्रसिद्ध है और यह अपने बेहतरीन हस्तशिल्प वस्तुओं के निर्माण के लिए जानी जाती है परंतु शुरुआत के दिनों में ऐसा नहीं था, 1980 के दशक में बढ़ते मशीनीकरण के कारण कंपनी को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने हार नहीं मानी व आज उनके परिश्रम का परिणाम भली-भांति सबके सामने है।
'अरविंद हैंडीक्राफ्ट्स' कंपनी का शुभारंभ मात्र एक होटल में खुदरा हस्तशिल्प काउंटर के रूप में हुआ था परन्तु 4-5 वर्षों के पश्चात् कंपनी ने उत्तम हस्तशिल्प कलाकृतियों, गृह सज्जा की वस्तुओं, दीवार की सजावट, टेबल की सजावट, लालटेन, उत्सव की सजावट, कॉर्पोरेट उपहार और फर्नीचर आदि वस्तुओं का निर्माण और निर्यात भी शुरू कर दिया। 2008 में अरविंद जैन जी के सुपुत्र अंकित अरविंद जैन ने इस कंपनी को संभाला जिन्होंने कंपनी को एक नई दिशा दी ।
श्री अंकित अरविंद जैन राजस्थान विश्वविद्यालय से एमबीए पूरा करने के बाद अपने पिता के व्यवसाय से जुड़े। शिक्षा प्राप्त करने समय जो ज्ञान उन्हें अर्जित हुआ उसका प्रयोग उन्होंने अपने व्यापार को बढ़ाने में किया। बाजार में बिक रहे मशीन द्वारा निर्मित वस्तुओं को टक्कर देने के लिए उन्होंने कई जतन किए। उन्होंने नए जमाने के विभिन्न माध्यमों की मदद से अपने उत्पादों का प्रचार-प्रसार किया व नए जमाने के ढंग के अनुसार अपने उत्पाद को ढालकर उन्हें अधिक आकर्षित बनाया।
'अरविंद हैंडीक्राफ्ट्स' कंपनी के पास विभिन्न श्रेणियों में 19,000 से अधिक उत्पाद हैं। एक-एक उत्पाद गहनता के साथ हाथ से बनाया गया है। कंपनी के पास लकड़ी, लोहा, पीतल से लेकर राल, ऊंट की हड्डी, संगमरमर और कांच जैसी विभिन्न सामग्रियों से बने उत्पादों का भंडार है। कंपनी के पास विभिन्न श्रेणियों में वस्तुओं का लुभावना संग्रह है जिसके कारण 'अरविंद हैंडीक्राफ्ट्स' सभी बड़े स्टोर मालिकों के लिए ‘ वन स्टॉप सॉल्यूशन' हैं । 'अरविंद हैंडीक्राफ्ट्स' का एक ही लक्ष्य है कि वे एक ही स्थान पर सभी श्रेणियों में बेहतरीन गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध करा सकें व अपने ग्राहकों के घर में चार चांँद लगा सकें।
हस्त निर्मित वस्तुएं ना केवल मानवीय कला को बढ़ावा देती है बल्कि विभिन्न स्थानों की सजावट को एक व्यक्तिगत पहचान देने में बहुत बड़ा योगदान देती है। आज-कल हस्तनिर्मित वस्तुओं का चलन दोबारा बढ़ रहा है और हस्तशिल्प वस्तुओं के प्रशंसक तो ऐसी वस्तुएं खरीदने के लिए बड़े दाम देने के लिए भी तैयार है। 'अरविंद हैंडीक्राफ्ट्स' कंपनी पिछले चार दशकों से दुनियाभर में अपने बेहतरीन हस्तनिर्मित वस्तुओं का निर्यात करते आ रही है और घरेलू बाजार में भी इसे बहुत अच्छी प्रसिद्धि मिली है। बहुमूल्य हस्तशिल्प वस्तुओं को उपयुक्त दामों में उपलब्ध कराना 'अरविंद हैंडीक्राफ्ट्स' जैसी कंपनियां की भूमिका है जो कि वे बखूबी निभा रहीं हैं।
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