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    आप भी कहेंगे वाह! बचत करना इनसे सीखिए, 10 रुपये से 10 लाख की जमा कर ली पूंजी

    Jharkhand News लोहरदगा के सेन्हा प्रखंड में महिला मंडल मुरकी की महिलाएं सुनी कुमारी उरांव के नेतृत्व में सशक्त हो रही हैं। कभी कर्ज लेने वाली महिलाएं आज दूसरों को कर्ज दे रही हैं। सरकार से मिली मदद और बचत से उन्होंने 10 लाख की पूंजी बनाई है। वे जैविक खाद खेती और धान कुटाई जैसे व्यवसायों से जुड़ी हैं और जरूरतमंदों को ऋण देकर मदद कर रही हैं।

    By Vikram Chouhan Edited By: Yogesh Sahu Updated: Fri, 06 Jun 2025 07:08 PM (IST)
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    बचत इनसे सीखिए, 10 लाख की पूंजी जमा करने वाली सुनी कुमारी।

    गफ्फार अंसारी, सेन्हा (लोहरदगा)। अगर बचत करना सीखना हो तो इनसे सीखना चाहिए, जो कल तक खुद कर्ज ले रहे थे, आज वह दूसरों को कर्ज दे रहे हैं। कल तक जो खुद बेरोजगार थे, आज दूसरों को रोजगार दे रहे हैं। लोहरदगा जिला के सेन्हा प्रखंड के महिला मंडल मुरकी की अध्यक्ष सुनी कुमारी उरांव के प्रयास से महिलाएं सशक्त हो रही हैं।

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    समूह की महिलाएं प्रत्येक सप्ताह 10 रुपये की बचत से आपसी लेने-देन के लिए एक बड़ी पूंजी खड़ी कर चुकी हैं।

    महिला समूह को सरकार के माध्यम से 50000 रुपये की पूंजी मिली थी। महज 50 हजार रुपये की पूंजी से महिलाओं ने जैविक खाद और खेती करना शुरू किया था।

    इससे जो मुनाफ हुआ, उससे पैसे को जरूरतमंद सदस्यों के बीच अपना व्यवसाय के लिए एक प्रतिशत पर ऋण दिया गया।

    आज के समय में इस महिला समूह के पास 10 लाख रुपये की पूंजी है। महिलाएं हर सप्ताह बैठक करती हैं और समूह के संचालन और दिए गए ऋण की वसूली पर चर्चा करती हैं।

    इसकी शुरुआत 12 महिला सदस्यों ने मिलकर विगत 11 मार्च 2012 को किया था। जिसके बाद महिला समूह को सरकार की ओर से 50000 रुपये की पूंजी मिली थी।

    महज 50 हजार रुपये की पूंजी से महिलाओं ने जैविक खाद और खेती करना और बकरी पालन से शुरू किया था।

    इससे जो मुनाफ हुआ, तो ऋण से ट्रैक्टर लिया और ट्रैक्टर से कमाई कर पूरी राशि बैंक को वापस कर दी। आज महिला समूह के पास ऋण मुक्त ट्रैक्टर है। महिला समूह ने गांव में धान कुटाई की व्यवस्था भी की है।

    डीजल से संचालित धान कुटाई मशीन खरीद कर एक दिव्यांग प्रबल उरांव को रोजगार के लिए दे दिया गया। इससे होने वाली कमाई को महिला समूह को प्रति दिन वापस भी करता है।

    कर्ज से की थी शुरुआत, आज दस लाख की पूंजी

    महिला समूह ने कर्ज से अपने सफर की शुरुआत की थी। आज उनके पास दस लाख रुपये की पूंजी है। धान कुटाई मशीन से मिलने वाले पैसे को जरूरतमंद सदस्यों के बीच अपना व्यवसाय के लिए एक प्रतिशत पर ऋण दिया जाता है। आज के समय में इस महिला समूह के पास 10 लाख रुपये की पूंजी है।

    महिलाएं हर सप्ताह बैठक करती हैं और समूह के संचालन और दिए गए ऋण की वसूली पर चर्चा करती हैं। प्रति महीना महिला समूह के सदस्यों को पांच-छह हजार रुपये की बचत होती है। महिलाएं समूह के पैसे को सदस्यों के बीच एक प्रतिशत ब्याज परा ऋण देती हैं।

    महिला मंडली का कमाल

    • सेन्हा में मुर्की बैंक महिला समूह ने की 10 लाख से अधिक की बचत
    • महिला मंडल के सदस्यों ने आपसी बचत से बड़ी पूंजी जमा की
    • महिलाओं को ऋण देकर भी उन्हें बनाया जा रहा सशक्त
    • ट्रैक्टर और धान कुटाई मशीन से भी हो रही है अतिरिक्त आय
    • लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड की है ये महिलाओं की मंडली
    • मुर्की अध्यक्ष सुनी कुमारी उरांव के प्रयास से महिलाएं हो रहीं सशक्त

    क्या कहती हैं महिलाएं

    महिला समूह की सदस्य रितु देवी कहती हैं कि महिला समूह से जुड़ने के बाद रहन-सहन में बदलाव आया है। बच्चों को अच्छे तरीके से पढ़ा पा रहे है।

    सातों देवी कहती हैं कि सात हजार रुपये समूह से ऋण लिए थे। जिससे दो बकरी खरीदे थे।आज उनके पास 14 बकरी है। अभी तक 41 हजार रुपये की बकरी और खस्सी की बिक्री किए हैं।

    महिला समूह की सोमारी कुमारी कहती हैं कि महिला समूह से जुड़ने से उसे पैसों के लेन-देन की जानकारी हुई। बैठक में आने से काफी कुछ सीखने को मिला।

    मंगरी मुंडा कहती हैं कि 1.20 लाख रुपये का ऋण लिया है, जिससे टमाटर और गोभी की फसल पांच एकड़ में लगाए हैं। काफी फायदा हो रहा है।