Jharkhand Politics : 'चुनाव लड़ने से इनकार नहीं', हेमंत सोरेन के मंत्री ने इस सीट को लेकर कह दी बड़ी बात
लोहरदगा लोकसभा और विधानसभी सीट से चुनाव लड़ने का सपने देखने वालों को इशारों-इशारों में दिए गए मंत्री रामेश्वर उरांव का बयान पसीना लाने वाला है। उन्होंन पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में लोहरदगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। जनता की भी यही मांग थी। जनता ने कहा था कि इस बार आपको वोट देंगे और हर हाल में जीताएंगे।
जागरण संवाददाता, लोहरदगा। लोहरदगा लोकसभा और विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का सपना देख रहे कई प्रत्याशियों के लिए सर्दी के इस मौसम में मंत्री रामेश्वर उरांव का बयान पसीना लाने वाला है। रामेश्वर उरांव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर क्या चाहते हैं।
लोहरदगा में रविवार को विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने पहुंचे झारखंड सरकार के खाद्य एवं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में वह लोहरदगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। जनता भी कहती थी कि इस बार आपको वोट देंगे और हर हाल में जीताएंगे, लेकिन टिकट नहीं मिला।
2024 में एक बार फिर से चुनाव होना है। यह पार्टी पर निर्भर करता है कि वह क्या चाहती है। पार्टी जैसा तय करेगी, वह वैसा ही करेंगे।
'सब कुछ पार्टी के फैसले पर निर्भर करता'
हालांकि, उनकी अपनी इच्छा है कि वह लोहरदगा के लोगों के बीच रहें। सब कुछ पार्टी के फैसले पर निर्भर करता है। उन्होंने पत्रकारों से मजाकिया लहजे में यह भी कहा कि क्या जी क्या चल रहा है, क्या चर्चा हो रही है। कहीं कोई इस बारे में भी बात कर रहा है क्या। उनके चेहरे की मुस्कुराहट काफी कुछ कह रही थी।
मजेदार बात यह है कि लोहरदगा लोकसभा और विधानसभा सीट से चुनाव को लेकर कांग्रेस से कई प्रत्याशी नजर आ रहे हैं।
मंत्री के बेटे रोहित प्रियदर्शी उरांव ने क्या कहा
इस मामले पर मंत्री के बेटे रोहित प्रियदर्शी उरांव ने कहा है कि यह पार्टी तय करेगी कि वह क्या चाहती है। यह पार्टी को ही तय करना है कि वह मंत्री रामेश्वर उरांव को किस रूप में देखना चाहती है। हम पार्टी के सेवक हैं, पार्टी के आदेश पर ही हम कोई भी काम करते हैं।
भविष्य को लेकर कोई तैयारी नहीं होती है। पार्टी का आदेश मिलते ही हम तैयारी में जुट जाएंगे। लोहरदगा में लोकसभा और विधानसभा और चुनाव को लेकर रामेश्वर उरांव का बयान तब और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है, जब यहां पर पार्टी के दो खेमों के बीच हाल में ही विवाद सामने आया है।
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