मड़ुवा की से आत्मनिर्भर बन रहे ग्रामीण
उत्कर्ष पाण्डेय लातेहार लातेहार जिले के नक्सल प्रभावित गांवों में महिलाएं मड़ुवा की खेती से
उत्कर्ष पाण्डेय, लातेहार : लातेहार जिले के नक्सल प्रभावित गांवों में महिलाएं मड़ुवा की खेती से आत्मनिर्भर बन रही हैं। जिले से लुप्त हो चुकी मड़ुवा की खेती को उच्चाबल व जान्हो जैसे गांवों में परहिया जनजाति के ग्रामीण पुनर्जीवित करने में जुटे हैं। मडुवा का उत्पादन पहले इलाके में बड़े पैमाने पर होता था, लेकिन बीते कुछ वर्षों में इसके उत्पादन में भारी गिरावट आई है। सहदेव परहिया, रमेश परहिया, सिलास, बीखू आदि ने कहा कि आज से पंद्रह साल पहले जब तक धान नहीं कटता था (लगभग दो महीने बाद) तब तक लोग मड़ुवा खाते थे। धान का उत्पादन इतना कम होता था कि यह छह माह ही चल पता था। लोग मडुवा के आंटे की रोटी खाते थे। उन्नत नस्ल के धान बीज के आने के बाद इसका उत्पादन बढ़ा और लोग धीरे-धीरे मडुवा की खेती कम करने लगे। लेकिन बीते दो वर्षों से इसकी खेती कर ग्रामीण खुद मुनाफा कमाने के साथ-साथ दूसरों को भी खेती के लिए प्रोत्साहित करने लगे हैं। शरीर के लिए फायदेमंद माना जाता है मड़ुवा कृषि विशेषज्ञ एके मिश्रा ने बताया कि मधुमेह रोगियों के लिए मड़ुवा के आटे की रोटी फायदेमंद है। उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। जिन लोगों को कब्ज की शिकायत हो उनके लिए भी यह अच्छा है। साइटिका या अर्थराइटिस के मरीजों के लिए यह उपयोगी साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि मड़ुवा अनाज में कई पोषक तत्वों की प्रचूरता है। इसमें 50 से 60 प्रतिशत कैल्शियम है। सुगर की मात्रा कम होती है वहीं फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन, ट्रिपलीन, आयरन जैसे पोषक तत्व हैं जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं। इसका उपयोग दलिया, कई अनाजों के मिश्रण का आंटा, बिस्कुट सहित कई उत्पादों में हो रहा है। अधिकांश कंपनियां सुगर फ्री उत्पादों में इस अनाज का इस्तेमाल कर रही हैं। गांव के ललकू परहिया ने बताया कि वे अपनी जमीन में मडुवा की खेती प्रमुखता से करते हैं। पिछले साल उन्नत बीज और नई कृषि विधि का इस्तेमाल कर उन्होंने एक एकड़ में 16 क्विंटल मड़ुवा का उत्पादन किया। बिरसा परहिया ने कहा कि वर्षों तक धान की खेती करते रहे थे। जमीन की संरचना को समझते हुए उन्होंने बीते वर्ष मडु़वा की खेती भी प्रारंभ की। कोट::
ग्रामीणों की ओर से आत्मनिर्भरता के लिए मड़ुवा की खेती में बेहतर प्रयास किया जा रहा है। इसकी खेती करने वाले ग्रामीणों से मुलाकात कर मैं उनका उत्साहवर्द्धन करूंगा।
- सुरेंद्र वर्मा, उपविकास आयुक्त लातेहार।