Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सभ्यता, संस्कृति व पर्यावरण की रीढ़ है सरहुल : डा. रेणु

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 04 Apr 2022 06:34 PM (IST)

    सभ्यता संस्कृति व पर्यावरण की रीढ़ है सरहुल डा. रेणु

    Hero Image
    सभ्यता, संस्कृति व पर्यावरण की रीढ़ है सरहुल : डा. रेणु

    सभ्यता, संस्कृति व पर्यावरण की रीढ़ है सरहुल : डा. रेणु

    चंदवा में धूमधाम से मना प्रकृति का पर्व, जंगलों के संरक्षण का लिया गया संकल्प

    संवाद सूत्र, चंदवा (लातेहार) : कृषि फार्म में आयोजित सरहुल महोत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद डा. रेणु तिर्की ने कहा कि प्रकृति पर्व सरहुल झारख्ड की गौरवशाली प्राकृतिक धरोहर है। जिसे बचाकर रखना न सिर्फ आदिवासियों की अपितू पूरे मानव जाति की कर्तव्य है। सरहुल आदिवासी समाज के लोगों का सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक जीवन का मूलाधार प्रकृति है। मानव सभ्यता, संस्कृति एवं पर्यावरण की रीढ़ है। प्रकृति की गोद में रहकर ही जीव सर्वागींण विकास करते रहे है। बीडीओ विजय कुमार ने कहा कि जल-जंगल-जमीन को आबाद करना आदिवासियों की विरासत का इतिहास रहा है। अध्यक्षता करते पड़हा राजा धनेश्वर उरांव व मंच संचालन करते सीतमोहन मुंडा ने उपस्थित लोगों को साल समेत अन्य वृक्षों के संरक्षण का संकल्प दिलाते हुए कहा कि यदि वृ़़क्ष नहीं बचे तो जीवों का वजूद खत्म हो जाएगा। सुरेश गंझू, बीरबल भगत, हरदयाल भगत, अनुप बड़ाइक, जतरू मुंडा आदि ने मंच से लोगों को प्रकृति पर्व की अस्मिता को बचाए रखने के लिए पौधरोपण, संरक्षण व संवर्द्धन की बात कही। मंजय उरांव, कर्मा मुंडा, विनेश्वर उरांव, राजीव उरांव आदि ने भी अपने विचार व्यक्त करते प्रकृति पर्व की रक्षा का संकल्प लोगों को दिलाया। इससे पूर्व लक्ष्मण गढ़ा (सरना स्थल) में फतु पाहन व टीम द्वारा सरना स्थल पर पूजा-अर्चना की गई। समारोह के बाद शोभायात्रा निकाली गई। मौके पर अनुप बड़ाइक, रंजीत उरांव, रामपाल उरांव, प्रदीप उरांव, सुनेश्वर उरांव, राजेश भगत, साजिद खान धन्नु, निशा कुमारी, नेहा कुमारी, शिवनाथ उरांव, शनिचरवा उरांव, बिनोद भगत आदि मौजूद थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गुड़-चना और पेयपदार्थ का वितरण

    एंबीशन कंप्यूटर सेंटर, बाल सृष्टि विद्यालय, संस्कृति क्लब, विश्वनाथ सेवा सदन आद संस्थानों के प्रतिनिधियों द्वारा शोभायात्रा में शामिल लोगों के बीच गुड़-चना और ठंडे पेय का वितरण किया गया।