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Latehar News: इनामी नक्सली मनोहर परहिया ने साथी के साथ किया सरेंडर, मिला 10 लाख रुपये का चेक

जेजेएमपी के दस लाख के इनामी जोनल कमांडर मनोहर परहिया उर्फ विमलेश परहिया अपने एक अन्य साथी एरिया कमांडर दीपक कुमार भुइयां उर्फ कुंदन के साथ सरेंडर कर दिया है। मनोहर ने झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति नई दिशा से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है। मनोहर परहिया (अमवाटिकर छिपादोहर) व दीपक कुमार भुईयां (चापीकला पांकी पलामू) का रहने वाला है।

By Utkarsh Pandey Edited By: Prateek Jain Published: Fri, 23 Feb 2024 06:34 PM (IST)Updated: Fri, 23 Feb 2024 06:34 PM (IST)
जेजेएमपी का जोनल कमांडर मनोहर परहिया। फोटो- जागरण

जागरण संवाददाता, लातेहार। जेजेएमपी के दस लाख के इनामी जोनल कमांडर मनोहर परहिया उर्फ विमलेश परहिया अपने एक अन्य साथी एरिया कमांडर दीपक कुमार भुइयां उर्फ कुंदन के साथ सरेंडर कर दिया है। मनोहर ने झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति नई दिशा से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है।

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दोनों नक्सलियों ने शुक्रवार को लातेहार एसपी कार्यालय में पलामू आईजी राजकुमार लकड़ा, सीआरपीएफ पलामू जोन के पुलिस उपमहानिरीक्षक पंकज कुमार, पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन के समक्ष आत्मसमर्पण किया। सरेंडर करने के बाद दोनों नक्सलियों को माला, बुके व शॉल देकर स्वागत किया।

साथ ही मनोहर परहिया को 10 लाख रुपए का चेक सौंपा गया। सरेंडर करने वाला मनोहर परहिया (अमवाटिकर, छिपादोहर) व दीपक कुमार भुईयां (चापीकला, पांकी, पलामू) का रहने वाला है।

मौके पर पलामू आईजी राजकुमार लकड़ा ने कहा कि सीआरपीएफ, कोबरा व जिला पुलिस के संयुक्त नेतृत्व में दोनों नक्सलियों का सरेंडर करना बड़ी उपलब्धि है। आगामी चुनाव की दृष्टि से भी यह बड़ी सफलता है।

उन्होंने सरेंडर करने वाले सभी पुलिस पदाधिकारी को बधाई दी है। एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि पिछले दो वषों से लगातार सीआरपीएफ, कोबरा, झारखंड जगुवार व जिला पुलिस के द्वारा नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चलाई जा रही है। जिससे पुलिस को कई उपलब्धि भी मिली है।

अभियान का ही नतीजा है कि दस लाख की इनामी मनोहर परहिया अपने एक दस्ता सदस्य एरिया कमांडर के साथ सरेंडर किया है। उन्होंने कहा कि मनोहर परहिया छिपादोहर वाले क्षेत्र में काफी सक्रिय रहा है।

उसके सरेंडर करने से क्षेत्र में घटनाएं कम होगी। मौके पर झारखंड सेक्टर के कमांडेंट रवि शंकर मिश्रा, 11वीं बटालियन के कमांडेंट वेद प्रकाश त्रिपाठी, 214 बटालियन के द्वितीय कमांडेंट अभिनव आनंद आदि मौजूद थे।

भाजपा नेता जयवर्धन सिंह हत्याकांड में रहा था शामिल

सरेंडर करने वाला मनोहर परहिया भाजपा नेता जयवर्धन सिंह हत्याकांड में भी शामिल रहा है। 20 नवंबर 2022 को पुलिस को जेजेएमपी उग्रवादी के बीच मुठभेड़ में तीन नक्सली ढेर हुए थे। उस घटना में भी शामिल रहा है।

28 सितंबर 2021 को लातेहार के सलैया जंगल में सुरक्षाबलों के साथ जेजेएमपी के उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुई है। इसमें बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार शहीद हो गए हैं। इस मुठभेड़ में भी मनोहर शामिल रहा था।

मनोहर 2004 में भाकपा माओवादी में बाल दस्ता में हुआ था शामिल

सरेंडर करने वाला दस लाख के इनामी जेजेएमपी के जोनल कमांडर मनोहर परहिया 2004 में भाकपा माओवादी के बाल दस्त में शामिल हुआ था। तब उसकी उम्र 13-14 साल की थी। मनोहर वहां करीब 6 साल यानी वर्ष 2010 तक रहा। इसके बाद भाजपा माओवादी छोड़कर 2011 में जेजेएमपी संगठन में शामिल हो गया।

शामिल होने के दो साल बाद सब जोनल कमांडर बनाया गया। उपेंद्र सिंह खरवार के 2018 में सरेंडर करने के बाद उसे जोनल कमांडर बनाया गया। वहीं एरिया कमांडर दीपक कुमार भुईयां मनोहर परहिया के कहने पर 2018 में जेजेएमपी नक्सली संगठन में शामिल हुआ था।

सरेंडर करने वाला मनोहर परहिया पर विभिन्न थानों में कुल 13 केस हैं। छिपादोहर और लातेहार थाना क्षेत्र में तीन-तीन, बालूमाथ, मनिका, बरवाडीह, तरहसी, लेस्लीगंज, सतबरवा व गारू थाना में आर्म्स एक्ट, 17 सीएलए एक्ट के तहत एक-एक मामला दर्ज है। जबकि दीपक कुमार भुइयां पर छिपादोहर थाना में आर्म्स एक्ट व 17 सीएलए एक्ट का एक मामला दर्ज है।

जंगल के रास्ता में भटक गए थे, सामाजिक कार्य करेंगे: मनोहर

सरेंडर करने के बाद मनोहर परहिया ने कहा कि लंबे समय से जंगल के रास्ते में भटक गए थे। इसके बाद लगा कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाते हुए मुख्य धारा में लौट आए। इसके बाद पुलिस पदाधिकारी से संपर्क कर सरेंडर करने का मन बनाया।

उन्होंने कहा कि 2004 में भाकपा माओवादी के बाल दस्त में शामिल हुए थे। 2011 में जेजेएमपी के दस्त में शामिल हुआ। जहां 13 साल तक रहा। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण के बाद मुख्य धारा पर लौटकर सामाजिक कार्य करेंगे। वहीं, दीपक कुमार भुईयां ने कहा कि मनोहर परहिया के कहने पर 2018 में शामिल हुए थे।

अब मुख्य धारा में लौटकर परिवार व समाज के साथ रहेंगे। मनोहर के दो बेटे व एक बेटी है, जबकि दीपक के दो बेटे हैं। सरेंडर के दौरान दोनों नक्सलियों के परिवार, माता-पिता व परिजन मौजूद थे।

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