Latehar News: लातेहार में रेल ट्रैक निर्माण कंपनी पर नक्सली हमले के बाद मजदूरों का पलायन
Jharkhand News झारखंड के लातेहार जिले में रेल पटरी बनाने वाली कंपनी में नक्सली हमले के बाद दहशत का आलम है। कंपनी का व्यापक क्षति हुई है। डर के मारे कई मजदूर काम छोड़कर पलायन कर गए हैं। इलाके में दहशत व्याप्त है।
लातेहार, जागरण संवाददाता। पतरातु से सोननगर तक थर्ड लाइन निर्माण कार्य के बीच 22 नवंबर को ब्रिज नंबर 188 पर माओवादियों द्वारा आगजनी की घटना को अंजाम दिए जाने के बाद के बाद क्षेत्र में दहशत व्याप्त हो गया है। वहां कार्यरत मजदूरों के बीच दहशत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि घटना के कुछ घंटे बाद ही कई मजदूर बोरिया-बिस्तर लेकर वहां से पलायन करते देखे गए। दैनिक प्रतिनिधि ने उनसे कुछ जानकारी लेने का प्रयास किया तो उनके चेहरे पर खौफ दिखा। कहा जिदंगी रही तो कहीं भी कमा लेंगे।
माओवादियों ने इन मशीनों में लगाई आग
माओवादी दस्ते द्वारा चदवा थाना क्षेत्र के डगडगी पुल के समीप 22 नवंबर की शाम थर्ड लाइन निर्माण कार्य में लगी दो पाइल्स (पाइलिंग) मशीनें, पोकलेन, जेसीबी, हाइवा, हाइड्रा, तीन बाइक, एक डीजी, तीन बेच मशीन को फूंक जमकर तांडव मंचाया। घटना की वजह लेवी नहीं दिया जाना बताया जाता है।
ढाई घंटे घटनास्थल पर डटे रहे माओवादी
मजदूरों की मानें तो ढाई से तीन घंटे तक माओवादी घटनास्थल और उसके इर्द-गिर्द मौजूद रहे। घटना को अंजाम देने के बाद वो पास के जंगलों में काफी देर तक जमे रहे। देर रात तक वो हू-हू की आवाज निकालते रहे।
एसपी समेत कई पुलिस पदाधिकारी पहुंचे घटनास्थल
घटना के दूसरे दिन लगभग 18 घंटे बाद बुधवार को लातेहार एसपी अंजनी अंजन, एसडीपीओ संतोष मिश्र, सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट धर्मेंद यादव, प्रभारी थाना प्रभारी बबलु कुमार, एसआई नारायण यादव, दिव्य प्रकाश समेत कई पुलिस पदाधिकारी और जवानों के साथ लातेहार से सीआपीएफ के पदाधिकारी और जवानों की टीम घटनास्थल पहुंची। माओवोदियों द्वारा जलाए गए कीमती मशीनों और वाहनों का डिटेल लिया।
घटना के बाद सुनिए क्या कह रहे एसपी
सूचना के बाद बुधवार को घटनास्थल पर पहुंचे लातेहार जिले के एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि उग्रवाद और अपराध पर नियंत्रण के लिए लातेहार पुलिस कटिबद्ध है। जल्द ही घटना का उद्भेदन कर लिया जाएगा। विकास कार्य में बाधा पहुंचाने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।
माओवादियों ने मजदूरों से ही लगवाई आग
माओवादियों ने वहां कार्यरत मजदूरों से ही आग लगवाई। टीटीपीआईएल नामक कंपनी द्वारा थर्ड लाइन निर्माण कार्य के लिए ब्रिज नंबर 188 पर निर्माण कार्य में जुटे मजदूरों ने बताया कि वो लोग कार्याें को अंजाम दे रहे थे। इसी दौरान कुछ लोग सादे लिबास में हथियार के साथ पहुंचे और काम बंद करने को कहा। काम बंद करने में देर करनेवाले मजदूरों की पिटाई भी उनके द्वारा की गई। इतने में भी उनका मन नहीं भरा। माओवोदियों ने वहां कार्यरत कर्मियों से ही मशीनो में आग लगवाई।
माओवादियों ने क्या लिखा है पर्चें में
भारत की कम्युनिष्ट पाटी (माओवादी) कोयल शंख जोनल कमिटी के नाम से छोड़े पर्चे में कहा गया है कि टीटीआईपीएनएल कंपनी को सूचनार्थ करने पर भी नहीं सुनने के कारण बाध्य होकर हमें यह सांगठनिक कार्रवाई करनी पड़ी। यह कार्रवाई एक चेतावनी है अगर इसे भी अनदेखी कर मनमाने ढंग से कार्य चालू होगा तो जान माल की क्षति होगी। जिसकी जिम्मेवारी स्वयं कंपनी की होगी। सभी रेलवे ठेकेदार व कंपनी हमारे संगठन के अनुमति के बिना मन करेंगे तो इससे भी बड़ा अंजाम भुगतेंगे और भुगतने के लिए तैयार रहना। भाकपा (माओवादी) जिंदाबाद लिखा हुआ है।
तीन घंटे तक अप लाइन पर परिचालन ठप
ब्रिज नंबर 188 पर माओवादियो द्वारा अगजनी की घटना को अंजाम दिए जाने के बाद लगभग तीन घंटे तक अप लाइन पर परिचालन ठप था। रेलकर्मियों द्वारा घटनास्थल के समीप रेल लाइन का जायजा लेने के बाद रेल परिचालन सामान्य हो पाया था।