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    खैराट टोली गांव में सड़क के अभाव में डोली का करते हैं इस्तेमाल

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 06 Apr 2021 07:06 PM (IST)

    संवाद सहयोगी लातेहार सदर प्रखंड के पांडेयपुरा पंचायत के किनामाड़ गांव के खैराट टो ...और पढ़ें

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    खैराट टोली गांव में सड़क के अभाव में डोली का करते हैं इस्तेमाल

    संवाद सहयोगी, लातेहार : सदर प्रखंड के पांडेयपुरा पंचायत के किनामाड़ गांव के खैराट टोली में आजादी के दो दशक गुजरने के बाद भी डोली खटोली का सहारा लेकर बीमारी और शादी विवाह में दूल्हा- दुलहन को लाते और ले जाते है। यह गांव जिला मुख्यालय से महज सात किलो मीटर दूर स्थिति किनामाड़ पंचायत का खैराट टोला गांव जो आज भी विकास से कोसों दूर है। विकास के नाम पर एक भी हैंडपंप नहीं है। जिससे ग्रामीणों को चुआड़ी के पानी से प्यास बुझा रहे है। इस गाव की आबादी 200 सौ से अधिक है। इस टोली गांव के लोगों की आने जाने के लिए एक जंगल झाड़ी वाली पतली पगडंडी है। इसी से लोगों का आना- जाना लगा रहता है। इस गांव के लोग आने जाने में परेशानी को देखते हुए बरसात में चार माह का खर्च भी खरीद कर रख लेते है। उसी से उनका गुजरा होता है।

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    सदर प्रखंड के पांडेयपुरा पंचायत के किनामाड़ गांव के खैराट टोली के लक्ष्मण सुरेंद्र गुड़िया देवी मीना देवी, माया देवी, रीना कुमारी, अनीता देवी, गीता देवी, राजमुनी देवी समेत कई लोगों ने मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय आकर बताया कि टोली गांव में सड़क निर्माण के लिए हमने कई बार विधायक ,बीडीओ एवं मुखिया को लिखित आवेदन देकर पानी व सड़क निर्माण करवाने की मांग की है। लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। अंत में लोग हार मान कर सरकारी कार्यालय जाना ही छोड़ दिया। मजबूरन लोग अपने बीमार लोगों को मुख्य सड़क तक ले जाने के लिए डोली खटोली का प्रयोग करते है। इस गांव में शादी होती है तो लोग गांव से सड़क तक दूल्हा-दुल्हन को डोली खटोली के सहारे ही लाना और ले जाना करते है। पदाधिकारी नहीं पहुंचते है गांव:

    गांव के ग्रामीणों ने बताया कि गांव में आजतक पदाधिकारी नहीं पहुंचे है। अगर गांव में पदाधिकारी आना जाना करते तो गांव की परेशानी को जरूर समझते। लेकिन अधिकारी सिर्फ कार्यालय में बैठकर कुर्सी तोड़ते है। उन्हें गांव के विकास से कोई मतलब नही रहता। लोगों का कहना है कि अगर अधिकारी आना जाना करते तो गांव टापू की तरह नही रहता। सरकारी अधिकारी के द्वारा क्या विकास की योजना है किसी को पता नही रहता है। जनप्रतिनिधि से जानकारी लेने की कोशिश की जाती है तो वे बताने से परहेज करते है। गांव में बिजली ,पानी, शिक्षा और चिकित्सा की घोर कमी है। गांव वालो को एक ऐसा जन प्रतिनिधि की खोज है जो क्षेत्र का विकास करे। और लोगों को सुख दु:ख में शामिल हो सकें। क्या कहते है बीडीओ

    लातेहार बीडीओ गणेश रजक ने कहा कि गांव वासियों की समस्याओं का जल्द समाधान किया जाएगा।