Jharkhand Crime: पांच लाख का इनामी जेजेएमपी सबजोनल कमांडर ने किया सरेंडर
पांच लाख का इनामी जेजेएमपी सबजोनल कमांडर लवलेश ने आज पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में पलामू आइजी सुनील भास्कर लातेहार एसपी कुमार गौरव सीआरपीएफ कमांडेंट यादराम बुनकर एसएसबी कमांडेंट राकेश सिंह के समक्ष उसने सरेंडर किया। आत्मसमर्पण के समय लवलेश की पत्नी के अलावा एक बेटा व एक बेटी मौजूद थे।

जागरण संवाददाता, लातेहार। झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर उग्रवादी संगठन (झारखंड जनमुक्ति परिषद) जेजेएमपी का पांच लाख रुपये का इनामी सबजोनल कमांडर लवलेश गंझू उर्फ लवकेश गंझू पिता प्रधान गंझू ने मंगलवार को सरेंडर कर दिया।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में पलामू आइजी सुनील भास्कर, लातेहार एसपी कुमार गौरव, सीआरपीएफ कमांडेंट यादराम बुनकर, एसएसबी कमांडेंट राकेश सिंह के समक्ष उसने सरेंडर किया।
वह लातेहार जिले के बालूमाथ थाना अंतर्गत कुरियाम खुर्द ग्राम का रहने वाला है। पुलिस अधिकारियों ने लवलेश गंझू को बुके और माला पहनाकर समाज के मुख्य धारा में आने के लिए बधाई दी।
आत्मसमर्पण के समय लवलेश की पत्नी के अलावा एक बेटा व एक बेटी मौजूद थे। पलामू के आइजी ने सभी उग्रवादियों से सरेंडर कर सरकार की आत्मसमपर्ण व पुर्नवास नीति का लाभ लेने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि सरेंडर नहीं करने पर पुलिस की गोली उन्हें अपना शिकार बनाएगी। लातेहार एसपी कुमार गौरव ने कहा कि उग्रवादियों के खिलाफ लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है।
पुलिस को इसमें सफलता मिल रही है। लवलेश गंझू ने पुलिस को बताया कि वह साल 2008 में भाकपा माओवादी के दस्ते में शामिल हुआ था। 2009 में भाकपा माओवादी संगठन से भागकर घर आ गया।
वर्ष 2011 में टीसीपी उग्रवादी संगठन में ज्वाइन किया। पार्टी में एक साल रहने के बाद चंदवा थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जेल से निकलने के बाद प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जेजेएमपी के सुप्रीमो पप्पू लोहरा के दस्ते में शामिल हुआ।
माओवादी दस्ते में रहकर उसने कई कांडों को अंजाम दिया था। वह 2017 में जेजेएमपी उग्रवादी में शामिल हुआ था। लवलेश ने कहा कि पुलिस व सीआरपीएफ के द्वारा चलाए जा रहे लगातार छापामारी अभियान में संगठन कमजोर हुआ है।
लवलेश गंझू पर लातेहार जिले के कई थानों में 50 से अधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस उसे बहुत दिनों से तलाश रही थी। अंततः पुलिसिया दबाव में उसने आत्मसमर्पण कर दिया।

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