Latehar: लातेहार में गेंठी कंदा खाकर भूख मिटा रहे परहिया परिवार, बोले- डीलर राशन कार्ड के लिए मांगता है पैसे
Rashan Card Corruption In Latehar आदिम जनजाति परहिया परिवारों को संरक्षण के लिए राज्य सरकार लाखों रुपये खर्च कर रही है लेकिन अभी भी कई गांव में आदिम जनजाति परिवारों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

आदिम जनजाति के लोग आजादी के 75 साल में भी राशन कार्ड से वंचित है। सरकार के द्वारा चलाई जा रही आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम में भी इन लोगों का लाभ नहीं मिलना समझ से परे है। राज्य सरकार के आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम नावागढ़ पंचायत में पूरी तरह फेल हो गई है।
ग्रामीणों ने सुनाई अपनी व्यथा
नावागढ़ पंचायत के मुखिया प्रवेश उरांव के द्वारा गांव भ्रमण के दौरान आदिम जनजाति परिवारों के भन्दु परहिया, महरंग परहिया, खोटर परहिया, सुदेशी परहिया, रंजीत परहिया, सुरेंद्र परहिया ने बताया कि नावागढ़ डीलर रहमतुल्लाह अंसारी व प्रदीप साव के द्वारा कार्ड बनाने के नाम पर हम लोगों से एक हजार से पंद्रह सौ रुपये की मांग की जा रही है। पैसे नहीं देने पर हमलोगों को आज तक राशन कार्ड नहीं बनाया गया है, जिससे परहिया जाति के परिवार के लोग आज भी गेंठी कंदा खाकर भूख मिटा रहे हैं। परहिया जाति के लोग राशन के बिना दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए हैं।
इस संबंध में नावागढ़ पंचायत के मुखिया प्रवेश उरांव ने कहा कि परहिया जाति के लोगों से राशन कार्ड बनाने के नाम पर पैसे की मांग की जा रही है। यह काफी निंदनीय है। परहिया जाति के लोगों के द्वारा पैसे नहीं देने पर उन लोगों को राशन कार्ड नहीं बन रहा है, जिसके कारण परहिया जाति के लोग सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के लाभ से वंचित रह जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैं उपायुक्त को पत्र लिखकर डीलर के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग करूंगा। इस संबंध में जिला आपूर्ति पदाधिकारी बंधन लांग ने कहा कि इसकी जानकारी मुझे नहीं है, अगर ऐसा है तो जांच कर संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
घर पर नहीं पहुंचता राशन
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