Netarhat में कजाकिस्तान की झलक, कजाख के कलाकारों ने मोहा मन
नेतरहाट आवासीय विद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय लोकनृत्य उत्सव-2025 के तत्वावधान में कजाकिस्तान से आए लोक नृत्य दल की प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया। कलाकारों ने कजाकिस्तान के पारंपरिक लोक नृत्य तूमार को बड़े ही खूबसूरत ढंग से मंच पर उतारा। तूमार का अर्थ होता है एक प्रकार की ताबीज अथवा लटकन।

संवाद सूत्र, महुआडांड़ (लातेहार)। नेतरहाट आवासीय विद्यालय में शुक्रवार प्रातःकाल से ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्राचार्य संतोष कुमार के निर्देशन में विद्यालय परिवार द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मूर्तियों पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम का सबसे बड़ा आकर्षण था अंतर्राष्ट्रीय लोकनृत्य उत्सव-2025 के तत्वाधान में कजाकिस्तान से आए लोक नृत्य दल की प्रस्तुति
तूमार का अर्थ होता है एक प्रकार की ताबीज अथवा लटकन। यह बहुत ही प्रसिद्ध कजाख लोक नृत्य है। कजाकिस्तान समाज में इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह एक प्रकार की लोक नृत्य शैली है।
इसमें महिलाएं हाथों की मुद्राओं और लचकदार गति से ताबीज की रक्षा और आशीर्वाद को व्यक्त करती हुई मंच पर अपने भावाभिव्यक्ति करती हैं। कार्यक्रम की शुरुआत झारखंड आर्ट और कला संस्कृति विभाग के निदेशक आसिफ इकराम के आशीर्वचन से हुई।
कार्यक्रम का आयोजन झारखंड के पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के मंत्री सुदिव्य कुमार तथा भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के सौजन्य से किया गया था।
झारखंड की धरती पर अपनी प्रस्तुति से कजाकिस्तान के सभी अतिथि कलाकार बेहद उत्साहित थे। वहीं नेतरहाट आवासीय विद्यालय के भव्य प्रेक्षागृह के दर्शक दीर्घा में उपस्थित संपूर्ण विद्यालय परिवार और महुआडांड़ से आए कुछ अन्य छात्र-छात्राएं तथा अभिभावकगण भी बेहद प्रफुल्लित थे।
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