फिर यादव महासंग्राम का गढ़ बना कोडरमा
अनूप कुमार, कोडरमा: एकबार फिर कोडरमा विधानसभा व कोडरमा जिला से जुड़े और तीनों विधानसभा क्षेत्र कोडरमा ...और पढ़ें

अनूप कुमार, कोडरमा: एकबार फिर कोडरमा विधानसभा व कोडरमा जिला से जुड़े और तीनों विधानसभा क्षेत्र कोडरमा, बरही एवं बरकट्ठा यादव महासंग्राम का गढ़ बनने जा रहे हैं। यादव बहुल तीनों सीटों पर क्षेत्र में प्रभाव रखने प्रमुख दलों ने यादव प्रत्याशी को ही मैदान में उतारा है। सभी दलों के फोकस में क्षेत्र के बहुसंख्यक यादव मतदाता हैं। चुनाव प्रचार व जनसंपर्क में आ रहे नेता व वीआइपी नेताओं के संबोधन में यही समुदाय सबसे ज्यादा लक्षित किए जा रहे हैं। कोडरमा में भाजपा से निवर्तमान मंत्री डॉ. नीरा यादव को राजद के सुभाष यादव से कठिन चुनौती मिल रही है। गत लोस चुनाव के दौरान पूर्व मंत्री अन्नपूर्णा देवी के राजद में शामिल होने के बाद अस्तित्व व नेतृत्व के संकट से जूझ रही राजद प्रत्याशी के रूप में बिहार के बड़े नेता सुभाष यादव को पाकर एकबार फिर पूरे रौ में है। पिछले करीब 30 वर्षों से राजद की जमीन में प्रत्याशी के रूप में सुभाष यादव के आने से पूरा खाद-पानी मिल रहा है। वहीं भाजपा ने भी निवर्तमान विधायक डॉ. नीरा यादव पर दोबारा भरोसा जताया है। डॉ. नीरा वर्ष 2014 के चुनाव के तब के राजद प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी को हराकर पहली बार यहां भाजपा का परचम लहराने में कामयाब रहीं थीं। अन्नपूर्णा देवी अब भाजपा में हैं और कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से सांसद बन गई हैं। इसबार फिर यहां भाजपा व राजद के बीच सीधा मुकाबला की तस्वीर बन रही है। वहीं क्षेत्र में प्रभाव रखनेवाली बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा ने भी यादव रमेश हर्षधर को और आजसू ने भाजपा से बागी हुईं वैश्य समुदाय की शालिनी गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है, जो यहां कोण बना सकते हैं। इसी तरह बरही विधानसभा क्षेत्र में दो चिर-परिचित प्रतिद्वंद्वी भाजपा के मनोज यादव और कांग्रेस के उमांशकर अकेला उर्फ अकेला यादव के बीच आमने-सामने का मुकाबला तय है। पिछले 20 वर्षों से दोनों के बीच कड़ा मुकाबला होता आ रहा है। वर्ष 2014 के चुनाव में मनोज यादव ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में भाजपा के तत्कालीन विधायक उमाशंकर अकेला को हराया था। इसबार दोनों का झंडा बदल गया है। मनोज यादव भाजपा में और उमाशंकर अकेला कांग्रेस में हैं। वहीं बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र में दो पुराने प्रतिद्वंद्वी अमित यादव और जानकी यादव आमने-सामने होंगे। वर्ष 2014 में जानकी यादव झाविमो से अमित यादव भाजपा चुनाव मैदान में थे। इसबार जानकी यादव भाजपा से और अमित यादव निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। हालांकि इसबार यहां महागठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में खालिद खलील हैं, जो एक कोण बना सकते हैं। ऐसे में आनेवाला समय में यादव मतदाताओं का जिधर ध्रुवीकरण व बंटवारा ही तीनों सीटों पर परिणाम तय करेगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।