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    कोहरे के कारण दो यात्री ट्रेनों का परिचालन रद

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 16 Dec 2020 05:55 PM (IST)

    सर्दी एवं कोहरे को लेकर यात्री ट्रेनों के पहिए भी

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    कोहरे के कारण दो यात्री ट्रेनों का परिचालन रद

    संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): सर्दी एवं कोहरे को लेकर यात्री ट्रेनों के पहिए भी थमने लगे हैं। ट्रेनों की लेट-लतीफी शुरू हो गई है। कोहरे के कारण नई दिल्ली हावडा ग्रेड कोड सेक्सन में पेट्रोल मेन के जरिए पटरी की निगरानी हो रही है। धनबाद रेल मंडल के अधिकारी भी धनबाद से गुरपा तक रात्रि में पेट्रोलिग में निकल रहे हैं। वीवीआइपी ट्रेन राजधानी सहित मेल एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हो रहा है। कोहरे के कारण रेलवे ने कोडरमा के रास्ते होकर चलने वाली अप लाइन की सियालदाह अजमेर को 16 दिसंबर से 31 जनवरी तक तथा डाउन लाइन की अजमेर सियालदाह 17 दिसंबर से 1 फरवरी तक रद कर दिया है। जबकि धनबाद-कोडरमा होकर चलने वाली धनबाद फिरोजपुर एक्सप्रेस को प्रत्येक गुरुवार को रद कर दिया गया है। ऐसे में कोरोना काल में एक तो ट्रेनों का परिचालन कम हो गया है। वहीं दूसरी ओर अजमेर सियालदाह को 2 माह तक रद करने से अजमेर और जयपुर जाने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। इसके अलावा वर्तमान समय में हावड़ा से खुलने वाली जोधपुर एक्सप्रेस का परिचालन तो हो रहा है लेकिन कोडरमा में इसके ठहराव नहीं होने से लोगों को परेशानी बढ़ी हुई है।

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    पटरी पर लौटी राची राजधानी लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस

    22 मार्च से बंद रांची राजधानी एक्सप्रेस बुधवार से पटरी पर लौट आई है। उक्त ट्रेन कोडरमा के रास्ते दिल्ली के लिए चलती है। इसके अलावा कोडरमा के रास्ते होकर चलने वाली रांची लोकमान्य तिलक भी बुधवार की रात्रि से शुरू हो गई है। इसमें कोडरमा के यात्री सफर कर सकेंगे। उक्त ट्रेन वापस में 18 दिसंबर से शुरू होगी। रांची लोकमान्य तिलक ट्रेन अब अपने यात्रियों को 4 घंटे 40 मिनट पहले लोकमान्य तिलक पहुंचाएगी।

    ट्रेनों के इंजन में लगाए गए फाग सेफ डिवाइस

    घने कोहरे के दौरान पेट्रोलमैन से रेलवे ट्रैक की निगरानी कराई जा रही है। इसके साथ ही रेल इंजनों को फाग सेफ डिवाइस से भी लैस किया जा रहा है। जीपीएस आधारित उपकरण के लग जाने से अब इंजन के चालक को सिग्नल की सारी खबर मिलती रहती है। ट्रैक में क्रैक होने, रेल फाटक या रेलवे स्टेशन के नजदीक होने की जानकारी भी इस उपकरण से आसानी से मिल जाती है। झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और यूपी में फैले धनबाद रेल मंडल को 429 उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। इस उपकरण के लग जाने से कोहरे के दौरान ज्यादा सुरक्षित मानी गई है।