अन्य संस्कारों की तरह समर्पण भी है संस्कार : राकेश लाल
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अन्य संस्कारों की तरह समर्पण भी है संस्कार : राकेश लाल
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संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): श्रद्धा एवं समर्पण का विशेष पर्व गुरु पूर्णिमा बुधवार को शिवतारा सरस्वती विद्या मंदिर में मनाया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के छह प्रमुख उत्सवों में से एक गुरु पूर्णिमा का उत्सव सभी स्वयंसेवक उत्साह के साथ मनाते हैं। दो वर्ष बाद इस वर्ष संघ की सभी शाखाओं पर गुरु पूर्णिमा मनाया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो वर्ष तक कई शाखाओं को मिलाकर एक स्थान पर स्वयंसेवकों की सीमित संख्या रखकर पूजन किया गया था। संघ का मानना है कि स्वयंसेवक बनने की प्रक्रिया जारी रहती है और जो लोग कभी शाखा पर गए और किसी कारण से जाना बंद कर दिया, वैसे सभी लोगों को गुरु पूजन के लिए आमंत्रित किया जाए। इस तरह पुराने स्वयंसेवकों को जोड़ने की तैयारी की जा रही है।
पूजन के समय सभी स्वयंसेवक भगवा ध्वज की पूजा करने के साथ सामर्थ्य व इच्छा के अनुसार राशि समर्पित करते हैं। उसी राशि से संगठन का वर्ष भर का खर्च चलता है। इधर, संघ के प्रांत कार्यवाह राकेश लाल ने बौद्धिक में कहा कि अन्य संस्कार की तरह समर्पण भी संस्कार है। इस वर्ष पूरे देश में 15 से 20 दिनों में इसे समाप्त कर लेने की तैयारी है। झारखंड में यह उत्सव 13 से 31 जुलाई तक मनाया जाएगा। कार्यक्रम में अतिथियों का परिचय नगर संपर्क प्रमुख नीरज सिंह ने करवाया। प्रार्थना प्रदीप कुमार, एकल गीत शिवम कुमार और सामूहिक गीत अर्पूव बजरंगी ने प्रस्तुत किया। मौके पर जिला संचालक डा. रमन कुमार, नगर संचालक डा. रामावतार केशरी, जिलाकार्यवाह दिलीप सिंह, जिला व्यवस्था प्रमुख मनोज सिंह, नगर कार्यवाह सुनील रजक, सेवा भारती के प्रातीय सचिव ऋषि पांडेय, सिद्धी प्रसाद, शंकर लाल चौधरी, नारायण सिंह, अनुराग सिंह, नवल प्रसाद आदि उपस्थित थे

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