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    Jharkhand News: हम तो चले स्कूल...हाथ में पैंट व चप्पल लेकर नदी पार करते हैं शिक्षक

    Updated: Sat, 12 Jul 2025 02:40 PM (IST)

    बिहार से सटे कोडरमा जिले के झरकी बिशुनपुर और सपहा गांव आज भी विकास से कोसों दूर है। आज तक इन तीनों गांवों में आने-जाने के लिए कोई रास्ता नहीं बन पाया है। वृंदाहा नदी पार कर इन तीनों गांवों तक आने का एकमात्र रास्ता है। बरसात में तीनों गांव टापू बन जाता है।

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    हाथ में पैंट व चप्पल लेकर स्कूल जाते शिक्षक।

    संवाद सहयोगी, कोडरमा । Jharkhand News जंगली क्षेत्र में बसे बिहार से सटे कोडरमा जिले के झरकी, बिशुनपुर और सपहा गांव आज भी विकास से कोसों दूर है। आज तक इन तीनों गांवों में आने-जाने के लिए कोई रास्ता नहीं बन पाया है।

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    कई एकड़ में फैली वृंदाहा नदी बरसात को छोड़कर हर मौसम में इन तीनों गांवों तक आने का एकमात्र रास्ता होती है और जब बारिश का मौसम शुरू हो जाता है तो तकरीबन 4 महीने इस गांव के लोग गांव में ही कैद हो जाते हैं।

    यह तीनों गांव टापू बन जाता है। Koderma सहित आसपास के इलाकों में इन दिनों लगातार बारिश हो रही है। इस कारण यहां पर पानी का बहाव तेज़ हो गया है और नदी का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है।

    इस गांव में आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है। यहां के एकमात्र विद्यालय में गझंडी की ओर से जानेवाले बच्चों खासकर शिक्षकों को विद्यालय जाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

    विद्यालय के शिक्षक विनोद गुप्ता ने बताया कि झुमरीतिलैया से गझंडी के रास्ते वे व उनके दो अन्य सहयोगी शिक्षक पुरुषोत्तम पंडित व प्रदीप कुमार रजक इसी रास्ते से होकर प्रतिदिन स्कूल जाते हैं।

    ऐसे में विद्यालय आने का एक मात्र मार्ग वृंदाहा नदी पार करके ही स्कूल पहुंच पाते है। विद्यालय आने के लिए उन्हें अपनी पैंट और चप्पल उतारकर हाथों में लेकर तथा जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ता है।

    उन्होंने बताया कि यह परेशानी पूरी बरसात झेलनी पड़ती है। स्कूल 60 से 70 बच्चों को भी नित्य इस नदी को पार करके ही इस विद्यालय में पढ़ाई के लिए आना पड़ता है। इन तीनों गांव में तकरीबन 1500 की आबादी निवास करती है और साढ़े 6 सौ से ज्यादा मतदाता भी है।

    इस गांव तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं होने के कारण यहां के ग्रामीणों को कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ती है। तीन गांवों को मिलाकर दो स्कूल भी है, लेकिन इन तीनों गांव के बच्चे आठवीं से आगे की पढ़ाई भी नहीं कर पाते।

    विभाग को किया गया है सूचित, जल्द होगा सामधान

    मामले में जिले के उपायुक्त ऋतुराज ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में विभाग को काफी पहले की पत्र लिखा जा चुका है।

    जहां से हमें डीपीआर तैयार कर भेजने का निर्देश मिला था। जिसके आलोक में डीपीआर भी तैयार कर भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।

    वहीं उन्होंने कहा कि फिलहाल वहां आवागमन के लिए लोगों को अलर्ट मोड पर कर दिया गया है, ताकि लोग नदी के पास न जाएं। वहीं उन्होंने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था हो इसके लिए संबंधित पदाधिकारी को भी निर्देशित किया है।